राजनीति

‘बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं’, कोलकाता रेप-मर्डर पर बंगाल के राज्यपाल ने ममता को लिया आड़े हाथों

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए विभत्स रेप और मर्डर केस मामले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। हर कोई महिला डॉक्टर के लिए इंसाफ की गुहार लगा रहा है।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए विभत्स रेप और मर्डर केस मामले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। हर कोई महिला डॉक्टर के लिए इंसाफ की गुहार लगा रहा है। इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए निशाना साधा।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, ‘वह (ममता बनर्जी) राज्य में महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रही है। बंगाल महिलाओं के लिए अब सुरक्षित जगह नहीं है। बंगाल ने अपनी महिलाओं को निराश किया है। समाज ने नहीं बल्कि मौजूदा सरकार ने अपनी महिलाओं को निराश किया है।’

उन्होंने आगे कहा कि बंगाल को उसके पुराने गौरव पर वापस लाया जाना चाहिए, जहां महिलाओं को समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त था। महिलाएं अब ‘गुंडों’ से डरती हैं, यह सरकार द्वारा पैदा किया गया है जो इस मुद्दे के प्रति असंवेदनशील है। कहा कि बंगाल में, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि महिलाओं को कोई सुरक्षा नहीं है।

राज्यपाल की यह टिप्पणी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई दुखद घटना के मद्देनजर सामने आई है। एएनआई की खबर के मुताबिक, राज्यपाल बोस राज्य की स्थिति पर चर्चा करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। बता दें कि यहां 9 अगस्त को एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।

इस विभत्स घटना ने बाद देशभर के अलग-अलग अस्पतालों के डॉक्टर्स उस बेटी के लिए न्याय की मांग रहे रहे हैं। इस बाबत पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह द्वारा तत्काल कार्रवाई का आग्रह करते हुए राज्यपाल बोस और ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा था। भज्जी के पत्र का राज्यपाल बोस ने जवाब भी दिया था।

राज्यपाल ने 15 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज का भी दौरा किया, जहां उन्होंने 14 अगस्त को भीड़ द्वारा की गई बर्बरता के बाद की स्थिति को प्रत्यक्ष रूप से देखा। उन्होंने इस दृश्य को “अपमानजनक और निराशाजनक” बताया। उन्होंने कहा कि मौजूद पुलिस ने नर्सिंग छात्रों के खिलाफ उपकरणों को नष्ट करने या धमकियों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

उन्होंने कहा, “मैं मौके पर गया और सभी डॉक्टर, छात्र और प्रदर्शनकारी 14 अगस्त की आधी रात को हुए नृशंस हमले से स्तब्ध थे, पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए वहां मौजूद थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया, उपकरण भी नष्ट कर दिए गए।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
× How can I help you?