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पेपर मिल से शेखपुरा कदीम की ओर जाने वाला मार्ग दे रहा हादसों को न्यौता

इस रास्ते से रोजाना गुजरते हैं, बड़े-बड़े अधिकारी वह बड़े-बड़े नेता

सहारनपुर। महानगर सहारनपुर से सटे ग्राम शेखपुरा कदीम का मुख्य रास्ता जो पेपर मिल फाटक से गांव शेखपुरा कदीम व नये पुल की ओर जाता है, पिछले तीन से चार माह से बहुत दयनीय हालत में है। जहां से निकलना बड़ा मुश्किल हो रहा है। हालांकि सरकार द्वारा पुल का निर्माण कर एक सराहनीय कार्य किया है, जबकि पुल की ओर जाने वाला रास्ता सरकार को शायद दिखाई नहीं दिया है। जिस पर बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढ़े हैं और कई गड्ढे दो से तीन फीट तक गहरे हैं जो कि लगातार दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं।

बरसात के मौसम में इन गड्डों में पानी भरा रहता है। जिससे दुर्घटना घटित होने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि सड़क के गड्ढ़े और बराबर में विद्युत लाईन इत्यादि के लिए खोदे गये गड्ढ़े बराबर हो जाते हैं। जिनके कारण कई दुर्घटनाऐं घट चुकी हैं। जबसे रेलवे लाईन के ऊपर नया पुल बना है तब से इस मार्ग पर आवाजाही और अधिक बढ़ गई है।

जिससे गड्ढ़ांे की भयावयता और अधिक बढ़ जाना स्वाभाविक है। हालांकि इस रास्ते से गांव शेखपुरा कदीम में जाने वाले कई राष्ट्रीय स्तर व प्रदेश स्तर के नेताआंे का गुजर होता है जिनका रोजाना सहारनपुर शहर में आना-जाना रहता है लेकिन ऐसा लगता है उक्त नेताओं को जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि वह तो चार पहियों की गाड़ियों में बैठकर झूले की तरह झूलते हुए निकल जाते हैं और उन्हेें सड़क की दयनीय हालत का पता नहीं चलता। जबकि दोपहिया वाहन वाले व साईकिल सवार लोगों को इस क्षतिग्रस्त रास्ते के बीच से गुजरना पड़ता है। खुद गांव शेखपुरा कदीम के प्रधान प्रतिनिधि राव खुर्रम व अन्य नेतागण जो कि अपने आपको बड़े स्तर का नेता कहलवाना पसंद करते हैं का भी इस दयनीय हालत में पहुंची सड़क की ओर कोई ध्यान नहीं है।

हालांकि इसी मार्ग पर सभी ग्रामीणों को और टपरी रोड़ से नागल, देवबंद, मुजफफरनगर व मेरठ आदि की ओर जाने वाले लोगों को गुजरना पड़ता है, जो खराब सड़क के चलते एक अच्छा संदेश नहीं लेकर जाते। वहंी इसी सड़क पर विश्व प्रसिद्ध दादा पीर के नाम से मजार है जहां लोगों का रोजाना आना-जाना लगा रहता है, लेकिन लोग इन सब परेशानियों के बावजूद अपनी मजबूत अक़ीदत के चलते मजार पर पहुंचते हैं और दुआऐं, फातिहा पढ़ते हैं,लेकिन ऐसा लगता है इस मार्ग से गुजरने वाले किसी भी शेखपुरा वासी अथवा आसपास के लोगों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जिस कारण यह सड़क कई माह से इसी जर्जर हालत में हादसों को न्यौता दे रही है। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों के भी कानों पर कोई जूं तक नहीं रेंग रही है। जिन्होंने पुल तो बना दिया है लेकिन पुल पर चढ़ने का रास्ता नहीं बनाया है। जो कि सोचनीय विषय है।

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