पीयूष जैन के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मनीलॉन्ड्रिंग का केस, अटैच हो सकती हैं करोड़ों की संपत्तियां
मिली जानकारी के अनुसार ईडी पीयूष जैन के कन्नौज स्थित आवास और प्रतिष्ठान समेत देश के तमाम शहरों में उसके ठिकानों पर जल्द छापा मार सकती है. इसके अलावा ईडी पीयूष जैन की करोड़ों रुपए की संपत्तियों को अटैच कर सकती है .
उत्तर प्रदेश स्थित कन्नौज में इत्र कारोबारी पीयूष जैन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने पीयूष जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी पीयूष जैन के कन्नौज स्थित आवास और प्रतिष्ठान समेत देश के तमाम शहरों में उसके ठिकानों पर जल्द छापा मार सकती है. इसके अलावा ईडी पीयूष जैन की करोड़ों रुपए की संपत्तियों को अटैच कर सकती है .
पीयूष जैन के ठिकानों पर छापेमारी कर डीडीजीआई ने 197 करोड़ रुपए नगद और 23 किलो विदेशी सोना बरामद किया था. पीयूष जैन के खिलाफ डीडीजीआई और डीआरआई ने दर्ज एफआईआर कराई थी. डीडीजीआई ने पीयूष जैन पर 31.5 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप लगाया था. विदेशी सोना मिलने के बाद डीआरआई ने पीयूष जैन पर दर्ज एफआईआर कराई थी. इससे पहले इत्र कारोबारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है. हालांकि उसे अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा . विपक्षी के पक्ष में एक करोड रुपए गारंटी के तौर पर बैंक में जमा करने होंगे.
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने बीते साल छापे के बाद एक बयान में कहा था कि कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन के दो परिसरों से बरामद कुल नकदी 197.49 करोड़ रुपये हैं. डीजीजीआई ने टर्नओवर वाली बात का खंडन करते हुए कहा है कि यह केस प्रॉपर्टी है, न कि उनकी कंपनी का टर्नओवर. कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां छापेमारी के बाद डीजीजीआई का यह बयान सामने आया है.
डीजीजीआई ने कहा था कि यह स्पष्ट किया जाता है कि केस में पीयूष जैन के ठिकानों से कुल बरामद राशि को केस प्रॉपर्टी के रूप में एसबीआई की कस्टडी में रखा गया है. डीजीजीआई के एक अधिकारी ने कहा था, “विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर सबसे अधिक पेशेवर तरीके से जांच की जा रही है. पीयूष जैन के आवासीय एवं फैक्ट्री परिसर से चल रहे मामले में नकद राशि को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सुरक्षित अभिरक्षा में केस प्रॉपर्टी के रूप में रखा गया है और आगे की जांच बाकी है. ओडोकेम इंडस्ट्रीज द्वारा अपनी कर देनदारियों के निर्वहन के लिए जब्त धन से कोई कर बकाया जमा नहीं किया गया है और उनकी कर देनदारियों का निर्धारण किया जाना बाकी है.”