बागपत
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पिछले 25 वर्षों में सबसे सफल चेयरमैन रहे है राजुद्दीन एडवोकेट

नगर पालिका बागपत के इतिहास में अभी तक केवल राजुद्दीन एडवोकेट ही एक बार से अधिक चेयरमैन पद पर काबिज हो सके हैं।

बागपत। नगर पालिका नोटिफाइड एरिया का गठन 28 जून 1929 को हुआ था। जिसमे सर्व प्रथम अध्यक्ष जमशेद अली खा बने थे। बता दे की नगर पालिका बागपत के इतिहास में अभी तक केवल राजुद्दीन एडवोकेट ही एक बार से अधिक चेयरमैन पद पर काबिज हो सके हैं। पहली बार 1995 में चेयरमैन के पद पर चुनाव जीतने के बाद उन्होंने दो बार हार का सामना करने पढ़ा मगर उनके बाद की दो योजना में जीतने वाले प्रत्याशी अपना कार्यकाल सफलता से चलाने में नाकाम रहे। सन 2000 में चुनाव जीतने वाली प्रत्याशी ओमवती चौधरी को विवाद के कारण कोर्ट से स्टे लेकर अपने पद को बचाना पड़ा। वही सन 2006 में चेयरमैन बने पवन गुप्ता को कमेले का ठेका गुपचुप तरीके से छोड़ने भरी पड़ा। इसके विरोध में सर्व समाज के लोगो ने नगर पालिका में भारी हंगामा किया। विवाद को बढ़ते देख प्रशासन ने ठेका निरस्त कर दिया था। बता दें की बिना किसी विवाद के अब तक चुके राजुद्दीन एडवोकेट 3 बार चेयरमैन बन चुके हैं। बागपत की सी ग्रेड की नगर पालिका होने के बावजूद भी राजुद्दीन एडवोकेट के विकास कार्यों की चारो तरफ चर्चा है। नगर में लगभग सभी कालोनियों में सीसी रोड सफाई और बिजली प्रकाश की बेहतर व्यवस्था की गई है। जब सभी लोग घर से बाहर निकलने से कतरा रहे थे, राजुद्दीन चेयरमैन द्वारा कोरोनो काल में भी 2 हजार से ज्यादा लोगो को राशन बाटा गया था। नगर पालिका कर्मचारियों को समय से वेतन का भुगतान किया गया। हालाकि इस बार सीमा का विस्तार किया गया है। जिसमे पाली, सिसाना, हमीदाबाद व औधोगिक क्षेत्र जोड़ा गया है। मगर औधोगिक क्षेत्र की सीमा से मिला मुस्लिम बहुल गांव छोड़ दिया गया है। जिसके लिए काफी संख्या में आपत्ति दर्ज की गई थी। जिन्हे निरस्त कर दिया गया था। हिंदू मुस्लिम दोनो समाज में राजुद्दीन को पसंद किया जाता है। उनके बढ़ते वर्चस्व इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है।

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