हाईकोर्ट बैंच केन्द्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आहवान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर सिविल बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के सभी सदस्यगणों ने हडताल पर रहते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया।
धरने के दौरान श्री अनिल कुमार दीक्षित अध्यक्ष व ब्रिजेन्द्र सिंह मलिक महासचिव द्वारा अवगत कराया गया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों का क्षेत्राधिकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय में है जो कि 500 किलोमीटर से लेकर 750 किलोमीटर की दूरी पर है तथा सस्ता व सुलभ न्याय के सिद्धान्तों के विपरीत है। साथी अधिवक्ताओं को यह भी अवगत कराया गया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित वादों का 52 प्रतिशत भाग केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता का है जिसको सस्ता व सुलभ न्याय प्राप्त नही हो पा रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता 47 वर्षो से अधिक हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रही है तथा अधिवक्तागण आन्दोलनरत चले आ रहे है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनसंख्या वर्तमान में तकरीबन 8 करोड़ के लगभग है तथा उच्च न्यायालय की खंडपीठ अब तक स्थापित नही की गई है। कुछ और राज्य ऐसे है कि जिन की जनसंख्या लगभग पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बराबर है उन राज्यों में मात्र उतनी जनसंख्या पर हाईकोर्ट खंडपीठ है यह भी उल्लेखनीय है कि जनसंख्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग 5 वें भाग से भी कम है उनमें भी हाईकोर्ट खंडपीठ है।
कुछ स्थानों पर तो मात्र 1 करोड की जनसंख्या पर या तो हाईकोर्ट है या हाईकोर्ट की खंडपीठ है फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश अपेक्षित क्यो है ? शीघ्र व त्वरित न्याय प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हाईकोर्ट की दूरी यहां के वादकारियों के लिए जस्टिस एट दी डोर स्टेप की सरकार की नीतियों के विरूद्ध है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की निरीह जनता एवं वादीगण हाईकोर्ट बेंच की स्थापना हेतु संघर्षरत है अतीत से आंदोलन हो रहे है तथा प्रत्येक जनपद में पिछलें 47 वर्ष की अवधि से अधिक से प्रत्येक शनिवार को अधिवक्तागणों द्वारा न्यायालयों में हडताल पर रहते हुए कार्य नही किया जा रहा है जब गांव स्तर पर अदालत बनाने हेतु निर्णय हो चुका है तो फिर उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापना में देरी क्यो ? इस अवसर पर जितेन्द्र पाल सिंह, अजमेर सिंह, अशोक कुशवाहा, सतेन्द्र कुमार, पी० डी० त्यागी, रामवीर सिंह, रविन्द्र सहरावत, मीरा सक्सेना, राज सिंह रावत, अन्नु कुच्छल निपुण जैन, अभिनव अग्रवाल, सुधीर गुप्ता, मीना पुण्डीर, फूलबानों, नगमा, आसमा प्रवीन, संगीता त्यागी, सतेन्द्र कुमार, प्रवेश कुमार, प्रवीण खोखर, बिजेन्द्र प्रताप, सौरभ पंवार, ध्रुव, नीरज ऐरन, संत कुमार, राकेश कुमार, नरेन्द्र प्रताप, सोहनलाल, हिमांशु, मौ० अनीस, आदिल सैफी, आनन्द कुमार, आदि अधिवक्तागण उपस्थित रहे।