मेरठ। डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स, विकास विहार, मोहनपुरी, मेरठ ने सर्वसाधारण को सूचित करते हुये बताया कि सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत पंजीकृत संस्थाओं के पंजीकरण/नवीनीकरण प्रमाण पत्र की अवधि समाप्ति की तिथि से एक वर्ष के अन्दर नवीनीकरण न कराए जाने के फलस्वरूप अधिनियम की धारा-3(ए) (5) के अन्तर्गत संस्था अपंजीकृत हो जाती है। प्रायः यह देखा जा रहा है कि समय से नवीनीकरण न कराये जाने के कारण सोसाइटियाँ अपंजीकृत हो जाती है तथा समय-समय पर निर्वाचन न कराने के कारण प्रबन्ध समिति कालातीत हो जाती है, जिस कारण अनावश्यक विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। सोसाइटी अपंजीकृत होने की दशा में कालातीत प्रबन्ध समिति के निर्वाचन कराने का संज्ञान न लेने पर विचार किया जायेगा।
उन्होने बताया कि अपंजीकृत सोसाइटी के नवीनीकरण की अनुमति हेतु सर्वप्रथम समय से नवीनीकरण न कराने के पर्याप्त कारण दर्शित करते हुए वैध पदाधिकारी द्वारा फोटोयुक्त नोटरी शपथ पत्र, गत मूल पंजीकरण/नवीनीकरण प्रमाण पत्र व अनुमति शुल्क एक हजार रूपये प्रत्यावेदन के साथ अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में प्रस्तुत करें ताकि अनुमति प्रदान करते हुए वांछित नवीनीकरण शुल्क व प्रपत्र मांगे जा सके। नवीनीकरण/पंजीकरण प्रमाण पत्र की अवधि समाप्ति से एक वर्ष के अन्तर्गत नवीनीकरण हेतु विभागीय पोर्टल uprfsc.gov.in पर ऑनलाईन आवेदन करें, जिससे अनावश्यक शिकायतों का जन्म न हो तथा सोसाइटी को पंजीकृत उद्देश्यों की पूर्ति करने में अनावश्यक किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।