मेरठ
दो थानों की पुलिस के नाक के निचे से निकला अपराधी, बुर्के में कोर्ट पहुंचकर किया सरेंडर
अपराधी पहले अपराध करता है उसके बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है। पुलिस अपराधी की तलाश में जुट जाती है लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगता।
गंगाजल फिल्म की कहानी से ये मामला कम नहीं है। अपराधी पहले अपराध करता है उसके बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है। पुलिस अपराधी की तलाश में जुट जाती है लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगता। कानून के लूप होल्स का सहारा लेकर अपराधी कोर्ट में सरेंडर करता है और चैन की सांस लेता है। इधर पुलिस हाथ मलते रह जाती है।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ का है। मेरठ का कुख्यात अपराधी अमित मिरिंडा का नाम कई मामलों में दर्ज था। मेडिकल और नौचंदी थाने की पुलिस उसकी कई दिनों से तलाश कर रही थी। पुलिस को चकमा देकर वो भागता रहा और अंत में फिल्मीं अंदाज में वो बुर्के में कोर्ट पहुंचा और सरेंडर कर दिया।
कुख्यात अमित मिरिंडा पर यूपी पुलिस ने 25 हजार का इनाम रखा था। अमित मरिंडा के खिलाफ जिले में जानलेवा हमले, दुष्कर्म, रंगदारी और लूट समेत करीब 30 मुकदमे दर्ज हैं। नौचंदी, मेडिकल, लोहियानगर, सिविल लाइन और भावनपुर थानों में उसके गिरोह का आतंक है। गैंग रजिस्टर होने के बावजूद भी नौचंदी और मेडिकल पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई।
कुख्यात अपराधी अमित मिरिंडा के कोर्ट में सुरर्रेंडर करके जेल जाने के बाद सिटी एसपी आयुष विक्रम सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अमित मिरिंडा को पनाह देने और उसकी मदद करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।