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देश में अलग तरह की राजनीति करेगी सपा, नेशनल लेवल पर PDA को बढ़ाने में जुटे अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में अपने कदम बढ़ाने जा रहे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा का प्रदर्शन शानदार रहा है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में अपने कदम बढ़ाने जा रहे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा का प्रदर्शन शानदार रहा है। सपा ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद चुने गए गए हैं। इसके बाद उन्हें विधानसभा और लोकसभा सीट में से किसी एक सीट का चुनाव करना था। उन्होंने करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है, जिससे साफ है कि वे अब राष्ट्रीय राजनीति में कदम बढ़ाने जा रहे हैं।

विधानसभा के प्रमुख सचिव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अखिलेश यादव का इस्तीफा प्राप्त हो गया है। उसे शीघ्र ही स्वीकार करने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। ऐसे में आने वाले समय में यह पद किसे मिलेगा, यह देखने वाली बात होगी।

अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। लोकसभा चुनाव में यूपी में सपा ने अकेले दम पर 37 और इंडिया गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर कुल 43 सीटों पर जीत दर्ज की है। जानकारों का कहना है कि सपा के देश में तीसरे नंबर की बड़ी पार्टी बनने के बाद अखिलेश यादव का सपना पार्टी को राष्ट्रीय फलक तक पहुंचाने का है। यह दिल्ली से ही पूरा हो सकता है। सपा इससे पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में चुनाव लड़ती रही है। लेकिन, पार्टी को वो सफलता नहीं मिल सकी, जो वह चाहती थी।

इस कारण भी उन्होंने अपने कदम दिल्ली की ओर बढ़ाए हैं। इसके अलावा वह केंद्र में अपने दम पर खुद को विपक्ष का एक मजबूत नेता साबित करना चाहेंगे। उत्तर प्रदेश में 2027 के लिहाज से फोकस करेंगे और सरकार को घेर सकते हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि सपा को जनता के आशीर्वाद ने टॉप थ्री पार्टी बनाया है। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्होंने विधानसभा से अपना इस्तीफा दिया है। वह केंद्र में राजनीति करेंगे। अब वह राष्ट्रीय स्तर पर पीडीए के आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की समस्याओं के लिए संघर्ष करेंगे। प्रदेश स्तर की राजनीति पर भी उनकी नजर रहेगी।

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