delhi
Trending

दिमागी रूप से मृत किशोरी के अंगों ने बचाई तीन जिंदगियां, 12 घंटे बाद माता-पिता हुए थे राजी

दिमागी रूप से मृत किशोरी के अंगों ने तीन जिंदगियां बचाई।एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि किशोरी के यकृत को आईएलबीएस (इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस) में भर्ती 39 वर्षीय एक व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया गया, जो लंबे समय से यकृत की बीमारी से पीड़ित था।

नयी दिल्ली। सिर में गंभीर चोट लगने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दिमागी रूप से मृत घोषित 17 वर्षीय किशोरी के परिवार ने उसके महत्वपूर्ण अंगों को दान कर दिया, जिससे तीन लोगों को नया जीवन मिला। एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि किशोरी के यकृत को आईएलबीएस (इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस) में भर्ती 39 वर्षीय एक व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया गया, जो लंबे समय से यकृत की बीमारी से पीड़ित था। इसके अलावा एम्स में भर्ती 35 वर्षीय महिला रोगी और सफदरजंग में भर्ती 28 वर्षीय व्यक्ति को किशोरी की किडनी मिली।

हृदय रोग विशेषज्ञों और कार्डियो थोरैसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) के चिकित्सकों ने किशोरी के हृदय की जांच की और उसे प्रतिरोपण के लिए उपयुक्त नहीं पाया। एम्स में सीटीवीएस के प्रोफेसर डॉ. मिलिंद होते ने कहा, ‘‘हृदय के वॉल्व निकालकर एम्स के टिश्यू बैंक में रखे गए हैं, जिनका इस्तेमाल आने वाले हफ्तों में एक बच्चे में किया जाएगा।’’ डॉ. गुप्ता ने बताया कि 10वीं कक्षा की छात्रा शिवानी चार जुलाई को एक चलते ऑटो-रिक्शा से गिर गई थी, जिसके कारण उसके सिर में गंभीर चोट आई है। उन्होंने बताया कि उसे चार जुलाई को एम्स ट्रॉमा सेंटर लाया गया था। उस समय वह बेहोश थी और उसे 10 जुलाई को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि उसके परिवार को प्रत्यारोपण समन्वयक और न्यूरोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने सलाह दी। शिवानी के पिता राजिंदर सिंह 12 घंटे की काउंसलिंग के बाद अपनी बेटी के अंग दान करने के लिए राजी हो गए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
× How can I help you?