बिनौली। जैन संत आचार्य सुनील सागर महाराज गुरुवार सुबह जिवाना के गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल से पदविहार कर बिनौली पहुंचे। जहां जैन समाज के लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में हुई धर्मसभा में प्रवचन करते हुए आचार्य सुनील सागर ने कहा कि हमे श्रावक धर्म का पालन करना चाहिए। भगवान का पूजन अभिषेक सामूहिक रूप से करना चाहिए। भगवान की भक्ति करने से आपस में प्रेम सौहार्द बना रहता है। उन्होंने कहा कि बरनावा जैन मंदिर में अष्टम तीर्थंकर श्री चंद्रप्रभ भगवान के दर्शन हेतु पद यात्रा करनी चाहिए। आज 18 वे तीर्थंकर भगवान अरनाथ लाका जन्म कल्याणक है।
भगवान का जन्म हस्तिनापुर में हुआ था। इस दिन हमे भगवान के कल्याणक को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मानना चाहिए। धर्मसभा में रविंद्र जैन, मदनलाल जैन, धनपाल जैन, जिवेंद्र जैन, सुधांशु जैन, अवनीश जैन, बिजेंद्र जैन, सतेंद्र जैन, पीयूष, प्रशांत, अतुल, सचिन जैन, प्रवीण जैन, विमल जैन आदि मौजूद रहे।
इसके उपरांत सभी साधु गण का आहार चर्या के लिए पद गाहन हुआ।
आहार चर्या के उपरांत आचार्य श्री ने विशाल संघ के साथ अतिशय क्षेत्र बरनावा के लिए विहार किया। बरनावा पहुंचने पर आचार्य श्री ने चंद्रप्रभ भगवान के दर्शन संघ सहित किए। यहां भी धर्मसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर क्षेत्र समिति अध्यक्ष जीवंधर जैन, भागचंद जैन, पंकज जैन, रजनीश जैन, विनेश जैन, अशोक जैन, पंडित ललित जैन, संदीप जैन, मनोज जैन
आदि मौजूद रहे। इसके बाद जैन संत ने सरधना के लिए पदविहार किया।