डोटासरा-राठौड़ ने एक-दूसरे पर खूब उछाड़ा कीचड़, जानें-दोनों के बीच ‘ट्विटर वॉर’ की असली वजह क्या?
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं के बीच इन दिनों ‘ट्विटर वॉर’ छिड़ा हुआ है। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा और बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ एक-दूसरे पर खूब कीचड़ उछाल रहे है। चौंकाने वाली बात ये है कि दोनों नेताओं के बीच चल रहे ट्विटर वॉर के बीच हिट एंड रन पॉलिटिक्स का जिक्र भी सामने आया है। लेकिन, क्या आपको पता है कि आखिर कांग्रेस-बीजेपी के 2 दिग्गज नेताओं के बीच ‘ट्विटर वॉर’ की असली वजह क्या है?
दरअसल, इस झगड़े की शुरुआत विधानसभा से हुई थी। जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विधानसभा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए पेपर लीक मामले को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर तंज कसा था। सीएम ने कहा था कि एक ही परिवार से चार-चार आरएएस अधिकारी कैसे बन गए? आखिर कौन सी चक्कीका आटा खाते हैं और कौन सा पानी पीते हैं ? बस फिर क्या था डोटासरा ने पलटवार करते हुए बिना नाम लिए राजेंद्र राठौड़ को लपेट लिया।
यूं गरमाई राजस्थान में सियासत
एक ही परिवार से चार-चार आरएएस अधिकारी कैसे बन गए? आखिर कौन सी चक्की का आटा खाते हैं और कौन सा पानी पीते हैं? सीएम भजनलाल के इस बयान पर डोटासरा ने पलटवार करते हुए कहा कि तारानगर के नेताजी से पूछिए, कौन सी चक्की का आटा खाते है? बस फिर क्या था बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ का भी पारा चढ़ गया। साथ ही दोनों में सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई।
सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग
राजेंद्र राठौड़ ने डोटासरा पर तंज कसते हुए कहा कि इतना भी गुमान ना कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं। सीकर वाले नेताजी, इतना भी अहंकार ठीक नहीं है। हार और जीत एक सिक्के के दो पहलू है। अभी एक परीक्षा और बाकी है। युवा आज भी पूछ रहे हैं – एक ही परिवार से 4-4 आरएएस बनना संयोग था या प्रयोग? युवाओं के सपनों के सौदागरों को माफ नहीं किया जाएगा। जवाब तो देना ही पड़ेगा।
डोटासरा बोले-गलतफहमी ना पाल, ये जनता का पर्चा है जिस पर डोटासरा ने राठौड़ को जवाब देते हुए ट्वीट किया कि गलतफहमी ना पाल, ये जनता का पर्चा है तेरे सिर्फ टोल,बजरी, भूमाफिया होने की चर्चा है। काश.. अवैध अड्डों से इतर तारानगर वाले नेताजी की जनता में भी चर्चा रहती तो जवाब सदन में मिलता। और हां.. अहंकार नहीं, स्वाभिमान है! हमारे यहां बच्चों को मेहनत करने और पढ़ने की शिक्षा दी जाती है, टोल, बजरी और शराब के धंधे की नहीं। अगली परीक्षा के लिए शुभकामनाएं।
राठौड़ ने दिया ये जबाव
इस ट्वीट के बाद राजेंद्र राठौड़ ने डोटासरा से कहा कि बेरोजगारों का पर्चा लीक करने में भी मेहनत होती है, यह अजीबोगरीब कहानी आपकी अदा से ही क्यों बयाँ होती है, गरीबों के सपने कुचलने में कैसा स्वाभिमान? गफलतों में डूबी तुम्हारी जिंदगी में नफरत की आग जमा है। गली गली में चर्चे है तेरे “क़लामों” के, पर “कलामों” के पन्नों पर कई दाग जमा है। राजनीति में आलोचना-समालोचना जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे कि मर्यादाहीन भाषा आने वाली पीढ़ी को हिबा ना हो और जब कभी नजरें मिले तो हम शर्मिंदा ना हों…
डोटासरा बोले-माफिया के ‘दाग़’ में कब तक ओढ़ोगे शराफ़त
इसके बाद डोटासरा ने राठौड़ पर हमला बोलते हुए कहा कि अपने पे बात आए तो मर्यादा याद आए, औरों पर झूठे लांछन लगाएं तो सारी मर्यादा भूल जाएं। कीचड़ उछालकर कीचड़ से कौन बचा है, मर्यादित रहना ही मर्यादा का उसूल सच्चा है। माफिया के ‘दाग़’ में कब तक ओढ़ोगे शराफ़त, फिर कहता हूं…. आलोचना और आरोप के फ़र्क में रखो ज़रा नज़ाकत । जिन बच्चो ने दिन रात मेहनत कर आपकी सरकार के समय RAS परीक्षा पास की, उनकी मेहनत पर खिल्ली उड़ाकर झूठेआरोप 3 साल से लगा रहे हो, सिर्फ झूठा हल्ला मत मचाओ, है दोनों जगह सरकार तुम्हारी दिल खोलकर जांच करवाओ।
राठौड़ बोले-आपको माफिया की याद अब आई?
जिस पर राठौड़ ने कहा कि हां, मैं मानता हूँ लांछनबाज़ी में मैं क्या, कोई भी आपका मुक़ाबला कर ही नहीं सकता। इसलिए मुझे इस प्रतियोगिता में आपके साथ कभी भी शामिल नहीं समझें। आपकी यह “विशेषज्ञता” आपको ही मुबारक… आपको माफिया की याद अब आई? पांच साल में आपकी सरकार को क्या सन्निपात हो गया था? जारोली, कटारा, केसावत, राणावत सबने किया था जो भ्रष्टाचार, तब दागदारों की क्यों नहीं करवाई जांच, आरपीएससी की प्रतिष्ठा पर भी आई थी आंच। युवाओं के कलेजे में फंसी रही थी बेरोजगारी की फांस।
मेहनत और प्रतिभा की खिल्ली किसने उड़ाई ? राजस्थान का हर प्रतियोगी छात्र जानता है… सब कुछ सामने आएगा, बस धैर्य रखिये। जिन बच्चों ने दिन रात मेहनत कर परीक्षा पास की, दुःख तो यही है कि वे तो बेचारे निराशा के घोर अंधेरे में डूब गये। उजाले किनके हिस्से आये और क्यों आये – यह पूरा प्रदेश आज जान रहा है। इसी कथित ” मेहनत” और 4 -4 अभ्यर्थियों के एक जैसे नम्बर कैसे लाए जाए, का ही “फॉर्मूला” तो वे सभी गरीब बेरोज़गार पूछ रहे हैं, जो पेपर लीक से ठगे गए हैं। और हाँ, जाँच करवाने की यूँ चुनौतियाँ देने से कोई अपराध ख़त्म नहीं होता। डोटासरा की राठौड़ को नसीहत इस ट्वीट के बाद डोटासरा ने राठौड़ को नसीहत देते हुए कहा कि ये छोड़िये, अब विपक्ष में नहीं सरकार में हो आप। हाथ पर हाथ रखकर क्यों बैठे हो बेरंग, अगर है दम, तो करके दिखाओ RPSC भंग,चाहे मर्जी जो लो एक्शन, पर बंद करो ये झूठा मिशन। किसानों के बच्चों पर ही छाती क्यों पिटते हैं स्वयंभू CM ! दबाने का दौर बीत चुका है, हमारे बच्चे पढ़ेंगे भी और कामयाब बनेंगे भी।