डेंगू-चिकनगुनिया के लक्षण नजर आने पर घबराएं नहीं, इलाज कराएं
जिला अस्पताल एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर निशुल्क जांच व इलाज उपलब्ध प्रत्येक रविवार को 10 मिनट निकालकर घर के आसपास निरीक्षण करें, पानी जमा न होने दें
मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जिले में समस्त विकासखंड एवं शहरी क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाया गया। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थय विभाग की टीमों ने डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक किया और अपील की, कि बदल रहे मौसम और मानसून की बारिश के बाद डेंगू के प्रसार की आशंका बढ़ जाती है। डेंगू एक साधारण बीमारी है, लेकिन इलाज में लापरवाही से यह खतरनाक स्थिति में पहुंच जाती है। अगर अचानक बुखार के साथ आंखों के पीछे तेज दर्द हो तो मरीज को डेंगू की जांच अवश्य करानी चाहिए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया- जनपद में डेंगू पर नियन्त्रण करने के लिए हर “रविवार मच्छर पर वार-लार्वा पर प्रहार” कार्यक्रम को दृढ़ता प्रदान करते हुये जन समुदाय से अपील की जा रही है कि वह अपने घरों, प्रतिष्ठानों, दफ्तरों एवं आस-पास के स्थानों इत्यादि में प्रत्येक रविवार को 10 मिनट निकालकर निरीक्षण करके अनावश्यक जल भराव के पात्रों को खाली करके एवं सुखाकर पुनः प्रयोग में लायें, जिससे डेंगू का लार्वा न पनपने पाये। डेंगू एवं अन्य मच्छर जनित रोगों के संचरण की रोकथाम में जनजागरण एवं सामुदायिक सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। डेंगू रोग विशेष प्रकार के मच्छर एडीज एजिप्टाई के काटने से फैलता है। यह मच्छर घर के अन्दर कूलर, फ्रिज की ट्रे, गमलों तथा टूटे फूटे बर्तनो, एवं कबाड़ इत्यादि में एकत्र पानी में पैदा होते है तथा दिन में काटते हैं। रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए संचरण चक्र को तोड़ा जाना अति आवष्यक है। ऐसे में संक्रामक रोगों से बचने के लिये सावधानी जरूरी है।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया- जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए विभाग सक्रिय है। शहरी क्षेत्रों में 12 टीम तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है और बचाव की अपील की जा रही है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि डेंगू,चिकिनगुनिया की सम्भावना होने पर घबराये नहीं। इनके समस्त जांच, उपचार एवं रोग प्रबन्धन जनपद के सभी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला चिकित्सालय में निःशुल्क उपलब्ध है।
क्या करें:-
कूलर की टंकी को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें।
जहां पर कूलरों की टंकी साफ करना संभव न हो तो उसमें एक चम्मच डीजल, पैट्रोल अथवा मिट्टी का तेल अवश्य डालें।
घर के आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें।
घर की छत पर पड़े हुए प्लास्टिक व मिट्टी के बर्तन डिब्बे टायर जल रहित कर दें अथवा हटा दें।
सोते समय मच्छरदानी अथवा मच्छर भगाने की क्वायल, मैट आदि का प्रयोग करें।
जहां तक सम्भव हो पूरी आस्तीन की कमीज व पैन्ट पहनें।
तेज बुखार एवं अन्य लक्षण होने पर सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से परामर्श लें।
क्या न करें:-
घर के आस-पास गन्दगी, कूड़ा, गालियों में पानी इकट्ठा न होने दें।
घर की छत पर टंकियों में एक सप्ताह से ज्यादा जल न इकट्ठा होने दें।
यदि घर में कोई डेंगू व चिकिनगुनिया का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें।
डेंगू, व चिकिनगुनिया, बुखार का कोई टीका नहीं होता। रोगी को चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवा न दें
झोला छाप चिकित्सकों से इलाज न करवाये।
