सरधना (मेरठ) मांगे पूरी न होने पर जैन समाज ने बड़ी चेतावनी दी है। जैन समाज भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार हो गया है और 2024 के चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी दे डाली है।
बताया गया कि जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर 1008 श्री नेमिनाथ भगवान की निर्वाणस्थली तीर्थ क्षेत्र “श्री गिरनार गिरी” जूनागढ़, गुजरात को अत्याचारियो के अवैध कब्जे से मुक्त कराने एवं भाजपा के पूर्व सांसद महंत महेश गिरी द्वारा दिगम्बर जैन साधुओं के विरुद्ध की गई अमर्यादित टिप्पणी के लिए भाजपा जिम्मेदार है। जिसे लेकर जैन समाज के लोगों ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन सरधना उपजिलाधिकारी को सौंपा है।
शुक्रवार को जैन समाज के लोग तहसील परिसर पहुंचे यहाँ उन्होंने अपने गुस्से का इजहार करते हुए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम प्रेषित एक ज्ञापन सरधना एसडीएम पंकज प्रकाश राठौर को सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि गुजरात के जूनागढ़ में जैन धर्म के अनुयायियों का प्राणों से प्यारा तीर्थ क्षेत्र श्री गिरनार गिरी” जी है। जोकि जैन धर्म के 22वें तीर्थकर श्री 1008 नेमिनाथ भगवान की परम् निर्वाण / मोक्षस्थली है। उक्त तीर्थ क्षेत्र पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में जैन धर्मावलंबी, जैन धर्म मे अपनी अटूट श्रद्धा, आस्था एवं आत्म व लोक कल्याण की भावना लिए देश-विदेश से तीर्थयात्रा करने आते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से लगातार जैन धर्म व समाज के विरुद्ध कार्य कर रही अवैध शक्तियों द्वारा योजनाबद्ध होकर जैन धर्म के पवित्र स्थल का मूल रूप परिवर्तित कर अवैध रूप से कब्जा करने का अनैतिक कार्य किया जा रहा है। उक्त प्रभावशाली गिरोहबंद लोगों द्वारा जैन धर्म के पवित्र तीर्थ स्थल पर अपना अवैध स्वामित्व एवं अधिकार जमाकर अतिअल्पसंख्यक अहिंसक जैन समुदाय के तीर्थों को उनसे अवैध रूप से जबरन छीना जा रहा है तथा जैन समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं पर गम्भीर चोट की जा रही है। यहां तक कि उक्त पूजनीय श्री गिरनार गिरी की पांचवी टोंक पर जैन समुदाय के लोगों की यात्रा, पूजा, अर्चना का भी प्रतिषेध उक्त अवैध कब्जाधारी हथियारबंद लोगो द्वारा कर दिया गया है। जिसका विरोध करने पर यह लोग जैन समुदाय के यात्रियों के साथ मारपीट गाली गलौच आदि करते हैं, जान से मारने की धमकी देते है।
बताया गया कि कुछ समय पूर्व उक्त लोगों के सरगना भाजपा के पूर्व सांसद महंत महेश गिरी ने ही अपने लोगों के द्वारा एक निर्ग्रन्थ दिगम्बर जैन साधु श्री 108 प्रबल सागर जी महाराज पर भी जान से मारने के नीयत से चाकुओं से हमला कराकर मरणासन्न स्थिति में पहुँचा दिया था। किंतु उक्त लोगों के विरुद्ध स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। ऐसी परिस्थिति में अहिंसक जैन धर्मावलंबियों का गिरनार पर्वत पर यात्रा करना जान का जोखिम लेने जैसा हो गया है। हर समय अवैध हथियार बंद लोग भगवा वेश में जैन यात्रियों को यात्रा, पूजा करने से रोकने हेतु उपस्थित रहते हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि गिरनार गिरी के संदर्भ में उच्च न्यायालय गुजरात द्वारा भी अपने आदेश दिनांक 17 फरवरी 2005 द्वारा उक्त तीर्थ स्थल पर जैन समुदाय का एकाधिकार माना है तथा स्थानीय प्रशासन को तुरंत अतिचारियों से अवैध कब्जा हटवाने तथा जैन समुदाय को उक्त तीर्थ का समस्त वास्तविक, भौतिक, यथार्थ विधिक कब्जा दिलाये जाने के आदेश दिये हैं। किन्तु स्थानीय प्रशासन भी उक्त अवैध कब्जाधारी राजनीतिक समर्थन रखने वाले प्रभावशाली गिरोहबंद लोगों के दबाव में कार्य करने के कारण स्थानीय प्रशासन द्वारा आजतक भी माननीय उच्च न्यायालय के उक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नही कराया है तथा सम्पूर्ण जैन समाज के साथ अन्याय सतत जारी है।
बताया गया की पिछले कुछ समय में जैन संस्कृति, जैन साधुओं, जैन तीर्थों पर योजनाबद्ध होकर लगातार हमले एवं चोट की जा रही है। इसी क्रम में हाल ही में भाजपा के पूर्व सांसद महंत महेश गिरी जिनकी श्री गिरनार गिरी पर अवैध कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका है. उनके द्वारा खुलेआम भरी सभा में गिरनार पर्वत पर दर्शन करने आने वाले दिगम्बर जैन साधुओं के लिए अमर्यादित टिपण्णी करते हुए उन्हें जान से मारने तक की बात कही गयी, तथा उपस्थित लोगों को जैन साधुओं के विरुद्ध भड़काया गया, तथा जैन तीर्थों पर कब्जे करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिसकी वीडियो पूरे भारत में देखी जा रही है। जिसकी भारत का सम्पूर्ण अति अल्पसंख्यक अहिंसक जैन समाज घोर निंदा, कड़ी भर्त्सना करता है। उक्त महंत व उसके सहयोगियों के विरुद्ध सख्त आपराधिक कार्यवाही की जानी विधिक रूप से अपेक्षित है। यदि भविष्य में भी लगातार ऐसी अनैतिक घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रही तो शांतिप्रिय जैन समाज विधिवत आंदोलन करेगा तथा आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में चुनाव प्रक्रिया का सम्पूर्ण बहिष्कार करने हेतु विवश होगा।
‘श्री गिरनार गिरी’ तीर्थ क्षेत्र जैन धर्म व जैन धर्मावलंबियों की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, शाश्वत धरोहर है। इस प्रकार जैनों के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, पौराणिक अधिकारों पर भारत सरकार द्वारा कुठाराघात किया जाना सरासर घोर अन्याय का घोतक है जिसकी सम्पूर्ण जैन समाज घोर निंदा करता है। यदि उक्त मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की गयी तो जैन समाज आंदोलन करने पर मजबूर होगा।
इस अवसर पर भाजपा नगर अध्यक्ष राजीव जैन,पंकज जैन, आलोक जैन,पंकज टाली, गौरव जैन,रजत जैन दीपू जैन,अरिहंत जैन, नमन जैन,वन्दित जैन,ऋषभ जैन,शौरभ जैन, अनिल जैन,नीरज जैन, विनोद जैन, पावन जैन, लोकेश जैन, प्रमोद जैन,प्रवीण जैन,सागर जैन,पुलकित जैन,पुनित जैन,अविरल जैन, अभिषेक जैन, अरुण जैन,अंशुल जैन, आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।