जिले में परंपरागत तरीके से मनाया गया गोवर्धन का पर्व
जिले भर में बुधवार को गोवर्धन का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। सभी लोगों ने अपने घरों में गोबर से गोवर्धन बनाए और उसकी विधि- विधान के साथ पूजा अर्चना की।
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण के कारण यह पर्व दिवाली के अगले से अगले दिन मनाया जा रहा है। आज तेजी से बदलते लोक जीवन को प्रकृति के निकट लाने के इस पर्व के महत्व को समझा जाना चाहिए। भारत गौ, गंगा, गायत्री का उपासक है। गौधन हमारे परंपरागत जीवन का आधार है। लक्ष्मी स्वरूपा गौ माता अपने पवित्र दुग्ध से हमारे स्वास्थ्य को समृद्ध बनाती है। वैज्ञानिक शोध सिद्ध कर चुके हैं कि गौ रस के सभी अंश महत्वपूर्ण है। आज का दिन गौ सेवा, गौ पूजा का है। अन्नकूट के नाम से जाने जाने वाले इस पर्व के विषय में मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को धारण कर इंद्र का घमंड तोड़ा था। तभी से गोवर्धन पूजा की परंपरा आरंभ हुई। आज के दिन भगवान को छप्पन भोग समर्पित किया जाता है। ग्राम पंचायत पिचौकरा में गवर्धन की पूजा करते हुए, बलजोर सिंह, जसवीर सिंह, कृष्ण पाल, नवीन कुमार, अमरवीर कश्यप, सुंदरपाल, असवानी कुमार, विकास बड़गुर्जर, प्रिंस स्वामी, सुनिल स्वामी, वंश सिंह, दर्श सिंह, सुमेश, आशीष, एवम समस्त ग्रामीण