जरूरतमंद महिलाओं को सिक्योरिटी बाउंसर बनाकर उन्हे नौकरी दिला रही है:कविता शर्मा
अपने प्रशिक्षण के बाद ये महिला सुरक्षा गार्ड केपीएस के चुनिन्दा ग्राहक जैसे महिला छात्रावास, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान और कुछ व्यावसायिक परिसरों में सेवाएँ देती हैं।
हापुड़। जनपद में भी महिला सुरक्षा हेतु संस्था के द्वारा बनाई गई महिला बाउंसरों का भी आया मामला प्रकाश में आपने कितनी बार महिला सुरक्षा गार्डों को देखा है? देश में पुरुष सुरक्षा गार्डों की तुलना में यह संख्या काफी कम है। कई नौकरियां जैसे लोकल ट्रेन,मेला,मॉल,सिनेमाघरों या रोडवेज बसों के चालक-परिचालक मुख्य रूप से पुरुष ही होते हैं। दशकों में यह एक स्टीरियोटाइप बन गया है, जहाँ महिलाओं को इनमें से किसी एक भूमिका में भी फिट नहीं पाया जाता है।केपीएस सिक्योरिटी सर्विस जरूरतमंद महिलाओं को सिक्योरिटी गार्ड(बाउंसर)बनाकर उन्हे नौकरी दिला रहा है।यह केपीएस सर्विस संस्थान आज महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हे सुरक्षाकर्मी बना रहा है। केपीएस के जरिये ये महिलाएं आज आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होकर आगे बढ़ रही हैं।
इस स्टीरियोटाइप को तोड़ने के लिए केपीएस की संस्थापक कविता शर्मा ने महिलाओं को सुरक्षा गार्ड बनने के लिए प्रशिक्षित कर रही है। ये महिलाएं ज्यादातर समाज के कमजोर वित्तीय और कमजोर वर्गों से आती हैं। केपीसी द्वारा प्रदान की जाने वाली ट्रेनिंग उन्हें सशक्त बनाती है, साथ ही वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। अपने प्रशिक्षण के बाद ये महिला सुरक्षा गार्ड केपीएस के चुनिन्दा ग्राहक जैसे महिला छात्रावास, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान और कुछ व्यावसायिक परिसरों में सेवाएँ देती हैं। संस्थान का उद्धघाटन बीजेपी मंत्री विकास अग्रवाल द्वारा रिबन काटकर किया। विकास अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया की समय कितना बदल गया।सरकार जिन्ह महिलाओं की सुरक्षा के लिए अधिकारियों से दिन रात बैठक करती रहती थी।आज वही महिलाएं महिला शक्तिकरण के तहत उल्टा दूसरी महिलाओं व पुरुषों को सुरक्षा दे रही है।जिसका पूरा-पूरा श्रय केपीएस सिक्योरिटी सर्विस की संस्थापक कविता शर्मा को जाता है।आइए जानते है इस बारे में कविता शर्मा का क्या कहना है। जी हां आपको हम बता दें महिला सशक्तिकरण को जानते हुए आज महिला भी उसे श्रेणी पर पहुंचाना चाहती हैं। जो की महिला सुरक्षा के लिए एक मिसाल बने महिला भी पुरुषों से काम नहीं है अपनी हिफाजत सुरक्षा के लिए अपने आप को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसा बनना चाहती हैं और अपने बचाव के लिए हर वह संभव कार्य करना चाहती है कि भविष्य में उनके लिए कोई अप्रिय घटना ना हो इसलिए हौसले बुलंद और दृढ़ संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहती हैं।