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चाईना में बनी राखी का बहिष्कार करते हुए प्रिया उपाध्याय ने बेटियों को सिखाया कलावे से राखी बनाना।

छपरौली। चाईना में बनी राखी का बहिष्कार करते हुए प्रिया उपाध्याय ने बेटियों को सिखाया कलावे से राखी बनाना। हम चन्द्रयान, सुर्ययान बना सकते है फिर राखी क्यों नहीं ? हम 7 हजार करोड़ रूपये का राखी का पवित्र धागा चीन से करते है निर्यात।

आखिर हम दैनिक और सामान्य वस्तुओं के लिए क्यों है चीन पर निर्भर है?

क्षेत्र के गाँव लूम्ब स्थिर के०टी० पब्लिक स्कूल में पहुँची श्री शान्ति सागर दिगम्बर जैन कन्या इण्टर कॉलेज में पढ़ने वाली कक्षा 12 विज्ञान की छात्रा प्रिया उपाध्याय ने चीन से निर्यात की गयी राखियों को बहिस्कार करते हुए बेटियों को भाईयों की कलाई पर अपने हाथों से बना स्वदेशी रक्षा सूत्र बाँधने का संकल्प दिलाया तथा प्रधानाचार्य सोनूचौहान को रक्षा सूत्र बांधते हुए बेटियों को स्वदेशी कलावे से राखी बनाना भी सिखाया।
प्रिया उपाध्याय ने कहा हम चन्द्रयान, सुर्ययान जैसे अनेकों अन्तरिक्षयान बनाने में सक्षम है। लेकिन 7 हजार करोड़ के राखी रक्षासूत्र के लिए चीन पर निर्भर है। जो हमेशा हमारे देश की बर्बादी का स्वपन देखता है हम उसे खरबों रूपये का लाभ पहुँचाकर, दैनिक उपयोग में आने वाली साधारण वस्तुओं का निर्यात भी हम उसी से करते है आखिर क्यों?

इस अवसर पर प्रबन्धक सोनू चौहान, प्रधानाचार्य प्रिया चौहान, भारतवीर, शीतल, आयुषी चौहान, आकृति जैन , नेहा, मनु, रिया, कशिश चौहान, क्षमा आर्या, अंशिका शर्मा, ईशा, सलोनी, दिव्या, सलोनी दूहून, तृप्ति, दिशा, खुशी, सिमरन, एकता शर्मा, आरती सिंह, प्रीति सिंह, अनु, मनिशा, रिया, वर्षा, स्वाति, आदि उपस्थित रहे।

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