ग्रेटर नोएडा में कचरे से बनेगा ईंधन, बायो CNG प्लांट का निर्माण शुरू

ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में प्राधिकरण ने बड़ी पहल की है। ग्रेटर नोएडा के कचरे को डिस्पोज करने के लिए प्राधिकरण ने रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को बायो सीएनजी प्लांट बनाने के लिए अस्तौली में लगभग 11 एकड़ जमीन लीज पर दी है। जमीन पर पजेशन भी दिया गया है। शुक्रवार से रिलायंस बायो एनर्जी ने प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर प्राधिकरण की तरफ से 300 टन रोजाना गीले कूड़े को प्रोसेस करने के लिए आरएफपी निकाला गया था। रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी ने भी इसमें हिस्सा लिया। आरएफपी के जरिए रिलायंस बायो एनर्जी को इस प्रोजेक्ट को बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

रिलायंस एनर्जी को ग्रेटर नोएडा के अस्तौली गांव में जमीन लीज पर दी गई है। अथॉरिटी की एसीईओ (ACEO) लक्ष्मी वीएस ने बताया कि रिलायंस बायो एनर्जी इस प्लांट पर कचरे को प्रोसेस कर बायो सीएनजी गैस बनाएगी, जो कि व्हीकल्स में फ्यूल के रूप में इस्तेमाल हो सकेगी। इसके साथ ही कचरे को प्रोसेस करने के एवज में प्राधिकरण को 225 रुपये प्रति टन की रॉयल्टी मिलेगी।

300 टन प्रतिदिन कचरे को प्रोसेस करने के लिए प्राधिकरण को कोई खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा। यह प्लांट डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी (CEONG) रवि कुमार का कहना है कि इस प्लांट के लगने से ग्रेटर नोएडा में कचरे को प्रोसेस करने की समस्या हल होगी। इससे ईंधन भी मिलेगा और प्राधिकरण को आमदनी भी होगी।