मवाना। प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मवाना सेवा केन्द्र द्वारा गांव जंधेडी में आयोजित श्रीमद भागवत शिव महापुराण कथा के छठवें दिवस पर कथा वाचक राजयोगी बाल ब्रहमचारी बीके अमित राजपूत जी ने दान का महत्व विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अभी तक हमने, अन्न दान वस्तु दान धनदान एवं अन्य वस्तुओं के दान के बारे में सुना है परन्तु सबसे बड़ा दान है अपनी बुराईयों का दान जो कि स्वयं परमपिता परमात्मा शिवबाबा इस दान को स्वीकार करते हैं। अत: हमें खुले दिल से अपनी बुराईयों (विकारों) का दान निराकार परमपिता परमात्मा को देना है। यह दान इस मायने में अनोखा दान है क्योंकि इस दान (बुराईयों का दान) को लेने स्वयं परमात्मा हमारे द्वार पर आते हैं।
शिव बाबा कहते हैं बच्चे तुम मुझे अपनी बुराईयां दान कर दो तो मैं तुम्हें सब पापों से मुक्त कर सतयुगी देवी देवता बना दूंगा। आज के समय यह दान परम आवश्यक है तभी यह संसार स्वर्ग बनेगा। इस प्रकार के अनोखे दान के बारे में सुनकर गांव के युवाओं में उत्साह जाग्रत हुआ तथा उन्होंने लिखित रूप में दान पात्र में डालकर व्यसनों का दान परमपिता परमात्मा को दिया। युवाओं ने मंच पर पहुँचकर प्रण लिया कि वे बीडी, सिगरेट, तम्बाकू, शराब आदि का सेवन नही करेंगे।
इस प्रकार के व्यसनों के दान से प्रसन्न होकर गाँव के वृद्धजनों ने अपने – विचार व्यक्त किये कि अब हमारा गांव सुख शान्ति सम्पन्न बनेगा एवं सच्ची उन्नति को प्राप्त करेगा। गाँव की महिलाओं ने भी प्रण किया कि हम किसी की निन्दा नहीं करेंगे की बातें नहीं करेंगे, परमात्मा का सतसंग करेंगे अपने बच्चों को अच्छे सरकार देंगे खान पान की बुद्धि रखेंगे। कथावाचक ने बताया कि जितना जितना हम निराकार परमात्मा को याद करेंगे उतना हमारे अन्दर पवित्रता धारण होती जायेगी तथा हमारे अन्दर की कुरीतिया स्वतः ही समाप्त होती जायेंगी तथा हम सर्वप्रातियो से सम्पन्न हो जायेंगे। कथा का समय सांय 7.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक है। अतः सभी धर्म प्रेमी उपस्थित होकर लाभ उठायें। राजयोगी वीके अमित राजपुत।