गाजा तो खंडहर में तब्दील हो गया, लेकिन इजराइल के पीएम नेतन्याहू बंधकों को रिहा नहीं करवा सके. अब इजराइल में सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर तेज हो गया है. इसके अलावा गाजा में नरसंहार और फिलिस्तीन बनाने की मांग को लेकर भी प्रदर्शन हो रहे हैं. खासतौर से अमेरिका की कई यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का दौर तेज होता जा रहा है.
सिर्फ इजराइल ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में नेतन्याहू और गाजा में नरसंहार का विरोध हो रहा है. दुनिया के कई कोने से हर दिन ऐसी ही तस्वीरें आ रही हैं. कहीं झड़पें होती हैं तो कहीं इजराइल फिलिस्तीन समर्थकों का आमना सामना होता है. तेल अवीव की सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है. बंधकों की रिहाई में नाकाम सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है.
गाजा के राफा में भले ही नेतन्याहू की सेना ने बम बरसाना शुरु कर दिया है, लेकिन सरकार इजराइल के लोगों को भरोसे में लेने में नाकाम रही है. बंधकों के परिवार और रिश्तेदारों के अलावा अब इजराइल की विरोधी पार्टियों ने भी मोर्चा खोल दिया है. इजराइल की पुलिस प्रदर्शनकारियों से इतनी परेशान हो चुकी है कि अब विरोध प्रदर्शन करने वालों को बुरी तरह से मारा पीटा जा रहा है.
वर्जिनिया यूनिवर्सिटी में इजराइल का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी. प्रदर्शनकारियों की कई बार पुलिस से झड़पें हुईं. इस दौरान कई फिलिस्तीन समर्थक छात्रों को चोट आई. विरोध करने के अपने अपने तरीके हैं. कैलिफोर्निया की राजधानी में ये विरोध प्रदर्शन किया गया. लोगों ने यहां डैब के अर्बिक डांस किया और फिलिस्तीन के लिए अपने समर्थन का इजहार किया.
इलिनॉय यूनिर्सिटी में समारोह के दौरान भी छात्रों ने फिलिस्तीन का झंडा निकालकर इजराइल के खिलाफ विरोध जताया. फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने एन आर्बर शहर में मिशिगन विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में प्रदर्शन शुरू कर दिया था. भारी भीड़ के बीच कुछ प्रदर्शनकारी अचानक फिलिस्तीन का झंडा लेकर निकले और नारेबाजी करने लगे. बाद में पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया.