बागपत
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कोरी जाति के जाति प्रमाण पत्र ना बनाए जाने के विरोध में तहसील प्रशासन के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरने में व्यक्तियों ने अपने-अपने विचार रखे

बागपत। दिनांक 16 अगस्त 2023 को दसवे दिन तहसील परिसर बड़ौत में कोरी जाति के जाति प्रमाण पत्र ना बनाए जाने के विरोध में तहसील प्रशासन के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरने में कोरी समाज के व्यक्तियों ने अपने-अपने विचार रखे।

राष्ट्रीय कोरी बुनकर समाज के अध्यक्ष अमरपाल कोरी ने कहा की कोरी समाज का शोषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बड़ोत तहसीलदार कोरी समाज को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर ना करें बड़ोत तहसील परिसर में चल रहे कोरी समाज के धरने को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर जिले से समर्थन मिल रहा है और पश्चिम उत्तर प्रदेश के हर जिले से काफी संख्या में धरना स्थल पर पहुंचने के लिए कोरी समाज के व्यक्ति आतुर है, लेकिन अभी हमने सभी समाज व संगठन के व्यक्तियों को शांति बनाए रखने की अपील की है क्योंकि यह धरना संवैधानिक अधिकारों की अवहेलना करने पर बडौत तहसीलदार के खिलाफ रखा गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम शासनादेश वह माननीय न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है। इसी संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल आज फिर डीएम बागपत से मिला डीएम साहब ने तहसीलदार को फोन करके कहा कि जब उत्तर प्रदेश में जुलाहा कोई जाति नहीं है और पूर्व में कोरी जाति के व्यक्तियों के प्रमाण पत्र जारी हुए हैं। तो क्या अब यह जाट ठाकुर या ब्राह्मण बन गए आज शाम तक इस समस्या का हर हालत में समाधान करके प्रमाण पत्र बनाने चालू करो और 14 अगस्त को हुई वार्ता के क्रम में तहसीलदार बड़ौत ने 16 अगस्त को 4:00 बजे तक का समय लिया था आज तहसील बड़ौत में 3:30 तीनों तहसीलदार बड़ौत बागपत खेकड़ा मीटिंग करके तीनों तहसीलों में एक साथ निर्णय करके जाति प्रमाण पत्र बनाने चालू करेंगे अगर इसमें तहसीलदार लापरवाही करते हैं।

तो आज आगामी रूपरेखा की दिशा तय की जाएगी और कोरी समाज ने निर्णय लिया कि जब तक जाति प्रमाण पत्र चालू नहीं किए जाएंगे तब तक अनिश्चितकालीन धरना बराबर चलता रहेगा किसी भी सूरत में पीछे हटने वाले नहीं है धरने का संचालन रामनिवास आर्य जी ने किया धरने में उपस्थित गुलवीर प्रधान, दुष्यंत कोरी, उपेंद्र पवन कोरी, प्रधान कोरी, डॉ नीरज कोरी, नरेंद्र कोरी, डॉ नरेश कोरी, पुष्पा कोरी, कुसुम कोरी, गुलशन कोरी, बृजपाल कोरी आदि

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