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काशी विश्वनाथ धाम में 9400 कलाकारों ने किया सामूहिक शिव तांडव, बनाया विश्व रिकॉर्ड

वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ धाम में देश और दुनिया भर के कलाकारों ने मिल कर शिव तांडव किया और एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। पहली बार ऑनलाइन और ऑफलाइन 9400 कलाकारों ने शिवतांडव की प्रस्तुति दी है।

वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ धाम में देश और दुनिया भर के कलाकारों ने मिल कर शिव तांडव किया और एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। पहली बार ऑनलाइन और ऑफलाइन 9400 कलाकारों ने शिवतांडव की प्रस्तुति दी है। इससे एक नया रिकॉर्ड कायम हुआ है। इसकी खूबसूरत तस्वीरें भी सामने आई है।

बता दें कि रविवार को तमिलनाडु की संस्था त्यागय्या चैरिटेबल ट्रस्ट के इंटरनेशनल कर्नाटक म्यूजिशियन एंड डांसर्स एसोसिएशन की ओर से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर चौक पर शिवतांडव स्त्रोत पर नृत्य का आयोजन हुआ। विश्व रिकॉर्ड की कामना से धाम में एक हजार बालिकाएं और ऑनलाइन 8400 कलाकार देश और दुनिया के कई स्थानों से जुड़े। सभी ने मिलकर शिवतांडव की प्रस्तुति दी।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में इस विश्व रिकॉर्ड की अधिकारिक घोषणा की गई है। धाम में एक साथ देश और दुनिया के 9400 कलाकारों ने एक साथ ऑनलाइन व ऑफलाइन शिवतांडव आरंभ किया। धाम का पूरा परिसर शिव तांडव की प्रस्तुतियों से झंकृत हो उठा। शिवतांडव को देखकर दर्शकों का मन भी खुश हो गया।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रोहनिया में हुई बुलडोजर कार्रवाई पर सपाइयों ने आक्रोश जताया है। इसका विरोध करते हुए समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने मौन सत्याग्रह किया है। उन्होंने आज यानी सोमवार को संगठन के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित के नेतृत्व में मैदागिन टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष मुंह पर काली पट्टी बांधकर सत्याग्रह शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि रोहनिया में 55 साल पहले 1968 में बने गांधी चबूतरा व भारत माता मंदिर को चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पिछले कुछ महीनों से ग्रामीणों पर हमला कर रहे आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग बच्चों की मूत्र में भिगोई गई रंग-बिरंगी गुड़ियों का इस्तेमाल कर रहा है। इन ‘टेडी डॉल’ को दिखावटी चारे के रूप में नदी के किनारे भेड़ियों के आराम स्थल और मांद के पास लगाया गया है। ‘टेडी डॉल’ को बच्चों की पेशाब से भिगोया गया है, ताकि इनसे बच्चों जैसी गंध आए और भेड़िये इनकी तरफ खींचे चले आएं।

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