राज्य
कांधला के हसनपुर में पोषण पाठशाला का आयोजन
सीडीओ ने गर्भवती महिलाओं की गोदभराई व बच्चों को कराया अन्नप्राशन
शामली। कांधला के गांव हसनपुर में गुरुवार को पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर सीडीओ रंजीत सिंह ने बच्चों के कुपोषण एवं उनके अच्छे स्वास्थ्य पर जोर दिया। इस मौके पर सीडीओ ने गर्भवती महिलाओं की गोद भराई एवं छोटे बच्चों को अन्नप्राशन कराया।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को कांधला के गांव हसनपुर में पोषण पाठशाला का आयोजनकिया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सीडीओ रंजीत सिंह ने किया। इस मौके पर उन्होंने सभी बच्चों के कुपोषण एवं अच्छे स्वास्थ्य पर जोर दिया, साथ ही आंगनवाडी कार्यकत्रियों को बच्चों के स्वास्थ्य एवं कुपोषण पर ध्यान देने के भी निर्देश दिए। सीडीओ ने कहा कि कन्वर्जेन्स विभागों के समन्वय एवं समेकित प्रयासों से पूरे प्रदेश में पोषण आधारित जीवन-चक्र के महत्वपूर्ण चरणों यथा गर्भावस्था, शैशवास्था, बचपन व किशोरावस्था में पोषण के सम्बन्ध में जनजागरूकता लाने हेतु प्रचार-प्रसार तथा जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। उन्होंने बताया कि 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली धात्री माताओं तथा किशोरी बालिकाओं से पोषण स्तर में सुधार किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। पोषण अभियान के वांक्षित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन एक महत्वपूर्ण चरण है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को कहा कि आयरन का महत्व, उचित खान-पान एवं साफ सफाई का ध्यान रखे। पुष्टाहार को उचित प्रकार से लाभार्थियों को सेवन करने हेतु सलाह देने के लिए कहा। उन्होंने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण कराएं, शालापूर्व शिक्षा के लिए बच्चों को आंगनवाड़ी अवश्य भेजे। इस मौके पर सीडीओ ने गर्भवती महिलाओं की गोदभराई तथा छोटे बच्चों का अन्नप्राशन कराया। इसके बाद सीडीओ ने आंगनवाडी केन्द्र व कम्पोजिट विद्यालय का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आंगनवाडी केन्द्र में पेयजल व्यवस्था, पानी की टंकी, पंखा व विद्युत व्यवस्था करने के लिए खंड विकास अधिकारी कांधला को निर्देश दिए। सीडीओ ने निर्माणाधीन आंगनवाडी केन्द्र को भी जल्द पूरा करने की हिदायत दी। जिला कार्यक्रम अधिकारी बाबर खान ने बताया कि जनपद में 6 माह तक के शिशुओं में केवल स्तनपान की दर 64.8 प्रतिशत है। शिशुशओं में शीघ्र स्तनपान व केवल स्तनपान उनके जीवन की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है। मां का दूध शिशु के लिए अमृत के समान है। जन्म के एक घंटे के अंदर मां का पहला गाढा दूध शिशु के लिए बेहद जरूरी है इससे बच्चे को पूरा पोषण मिलता है। बच्चों को 6 माह तक केवल स्तनपान ही कराना चाहिए। कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना अधिकारी पुनीता, मुख्य सेविका राजकुमारी, ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।