कस्बा खतौली के चर्चित मामले में एक आरोपी को कोर्ट ने किया बरी
मामला जनपद के थाना खतौली कस्बा खतौली वर्ष 2008 का हैं ये मामला जनपद मे काफ़ी चर्चित रहा था। राजू पुत्र तिलकराम नें अपनी पत्नी के अपहरण कर 17 दिन बलात्कार करने का मुकदमा थाने मे दर्ज़ कराया था।
मुजफ्फरनगर(मो.सुहेल)। मामला जनपद के थाना खतौली कस्बा खतौली वर्ष 2008 का हैं ये मामला जनपद मे काफ़ी चर्चित रहा था। राजू पुत्र तिलकराम नें अपनी पत्नी के अपहरण कर 17 दिन बलात्कार करने का मुकदमा थाने मे दर्ज़ कराया था। राजू पुत्र तिलकराम नें तहरीर मे देवेंद्र और राजबीर को नामजद कराया था। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी देवेंद्र राणा निवासी भेंसी व राजबीर निवासी गंगादाडी को गिरफ्तार कर लिया था।इस मामले में कुछ साक्ष्य ऐसे थे जो इस घटना की पुष्टि नहीं कर पा रहे थे। इस मामले मे 5 गवाह पेश हुए थे। इस मामले की सुनवाई कोर्ट नम्बर 2 जमशेद अली एस सी एस टी के समक्ष हुई। जहां आरोपी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद ने न्यायालय को बताया कि इस घटना को लेकर काफ़ी विरोधाभास है। एफआईआर दर्ज कराने में भी काफी कमियां को बताए गए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद की जबरदस्त पैरवी के चलते शासकीय अधिवक्ता व अभियोजन पक्ष के प्रयास विफल हुए। न्यायालय नम्बर 2 एस सी एस टी नें दोनों पक्षो की कानूनी बहस के बाद देवेंद्र राणा को अपहरण बलात्कार व एस सी एस टी एक्ट के आरोपों कीसमस्त धाराओं में बरी कर दिया हैं। इस मामले में पुलिस नें चार्जशीट मे दो लोगों को को मुल्ज़िम बनाया था। जिनमे से एक देवेंद्र राणा का मुकदमा अदालत नें बरी कर दिया हैं। जिसमे अपहरण के बाद बलात्कार व एस सी एस टी एक्ट का आरोप लगाया था। दूसरे आरोपी राजबीर का ट्रायल अभी इसी न्यायालय मे विचाराधीन हैं। इस मामले में पुलिस द्वारा 363 376 506 आईपीसी व 3(2) 5 एस सी एस टी एक्ट धाराओं मे चार्जशीट दाखिल की गई थी। लेकिन न्यायालय में यह मुकदमा साबित नहीं हो पाया। जिससे चलते न्यायलय एस सी एस टी ने आरोपी को बरी कर दिया है। एडवोकेट वकार अहमद आरोपी पक्ष की ओर से अधिवक्ता रहे।