राज्य
Trending

इच्छाओं को वश में करते हुए गुणवान कर्मों में वृद्धि करना ही उत्तम त्याग धर्मः नीलम

नकुड़। श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में चल रहे पर्युषण पर्व के आठवें दिन आज उत्तम त्याग धर्म की आराधना की गई। केसरिया परिधान धारण किए इंद्र और इंद्राणियों के रूप में श्रावक-श्राविकाओं द्वारा उत्तम त्याग धर्म की भक्ति करते हुए वासूपूज्य भगवान के अतिशयकारी जिनबिंब पर मानवता के कल्याण हेतु अभिषेक एवं शांति धारा करते हुए रतनत्रय पूजा की गई। उत्तम त्याग धर्म की महिमा का वर्णन करते हुए नीलम जैन व सरिता जैन ने बताया कि बुरे कर्मों का नाश करते हुए जीवन को संतुष्ट बनाकर अपनी इच्छाओं को वश में करते हुए गुणवान कर्मों में वृद्धि करना ही उत्तम त्याग धर्म है। जैन मंदिर में रात्रि में चल रहे धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विगत रात्रि जैन मिलन द्वारा कौन बनेगा ज्ञानवीर प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें उत्तम आकिंचन, बारह भावना, केवल ज्ञान, सिद्ध क्षेत्र, गतियां व सुमेरु पर्वत आदि से संबंधित प्रश्नों के सटीक उत्तर देकर प्रतियोगियो ने अपने धार्मिक ज्ञान का परिचय दिया। प्रतियोगिता संयोजक शिवम जैन, राजेश जैन द्वारा धार्मिक प्रश्नों के अलावा सामान्य ज्ञान के प्रश्न भी पूछे गए। जैन मिलन के महामंत्री पंकज जैन,राजेश जैन राजू ने बताया कि आज रात्रि जैन अतिथि भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत लघु नाटिका, रात्रि भोजन त्याग, जियो और जीने दो का संदेश, जैन धर्म की महिमा का मंचन किया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में जैन मिलन,महिला जैन मिलन व संपूर्ण जैन समाज का सहयोग रहा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
× How can I help you?