आँगनवाड़ी केंद्र डकार रहे मासूम बच्चों का राशन
सभासदों व क्षेत्रवासियों ने बाल विकास अधिकारी से कार्यवाही की मांग की
गंगोह(आजाद खान)। नगर के सभासदों और पात्र बच्चों के परिजनों ने आँगनवाड़ी कार्यकत्रियों पर भारत सरकार के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा चलायी गई बाल-विकास परियोजना के अंतर्गत बच्चों को राशन न देने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की माँग की है। सरकार द्वारा गरीब और पात्र लोगों को लाभांवित करने के लिए अनेक योजनाएंे चलाई जाती हैं परन्तु क्या उन योजनाओं का लाभ पूर्णरूप से गरीब पात्र लोगों तक पहुंच पाता है या नहीं, और अगर नहीं पहुंच पाता है तो इस दुर्भाग्य को हम सरकार की त्रुटि कहें या प्रशासन व कर्मचारियों का भ्रष्टाचार कहें या योजनाओं को नाममात्र कहें। उसके विपरीत पात्र लोगों की अज्ञानता या भोलापन कहा जा सकता है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के द्वारा बच्चों के विकास एवं गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने दो अक्टूबर 1975 को एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) की शुरुआत की थी। योजना के अन्तर्गत छः माह से छः वर्ष आयु के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को योजना से लाभान्वित किया जाता हैं। भारत सरकार के अनुसार उत्तर प्रदेश में लगभग 1.89 लाख से ज्यादा आंगनवाड़ी केंद्र हैं। जिनसे योजना के तहत लगभग 1.77 करोड़ लाभार्थियों को लाभ दिया जा रहा है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, उत्तर प्रदेश के अनुसार राज्य में आयु के आधार पर छः माह से छः साल के अतिकुपोषित बच्चों को 1.5 किलो गेहूं दलिया, 1.5 किलो चावल, दो किलो चना दाल, 500 मिलीलीटर खाद्य तेल, छः माह से तीन साल के बच्चों को एक किलो गेहूं दलिया, एक किलो चावल, एक किलो चना दाल, 500 मिलीलीटर खाद्य तेल, तीन से छः साल के बच्चों को 500 ग्राम गेहूं दलिया, 500 ग्राम चावल, 500 ग्राम चना दाल, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 1.5 किलो गेहूं दलिया, एक किलो चावल, एक किलो चना दाल, 500 मिलीलीटर खाद्य तेल, 11 से 14 साल की किशोरियां को 1.5 किलो गेहूं दलिया, एक किलो चावल, एक किलो चना दाल, 500 मिलीलीटर खाद्य तेल का वितरण हर महीने किया जाता है। बच्चों और महिलाओं की कैलोरी और प्रोटीन की जरूरतों की बात करें तो विभाग के मानकों के अनुसार छः माह से छः साल तक के अतिकुपोषित बच्चें को 800 कैलोरी और 20-25 ग्राम प्रोटीन, छः माह से तीन साल के बच्चों को 500 कैलोरी और 12-15 ग्राम प्रोटीन, तीन से छः साल के बच्चों को 200 कैलोरी और छः ग्राम प्रोटीन, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 600 कैलोरी और 18-25 ग्राम प्रोटीन और 11 से 14 साल की किशोरियों को 600 कैलोरी और 18-25 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन मिलना चाहिये। बावजूद इसके पात्र लोगों को तक इस योजना का पूर्ण रूप से लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। इसी समस्या को लेकर जनपद सहारनपुर के गंगोह ब्लॉक में स्थित बाल विकास कार्यालय में लाभार्थीयों के परिजन इसरार अहमद निवासी मौहल्ला गुलाम ओलिया, सुभम कुमार निवासी मौहल्ला छत्ता और मौहल्ला गुलाम ओलिया के सभासद नफीस, सभासद फुरकान मंसूरी, मौहल्ला कुरैशीयान के सभासद दानिश कुरैशी व सभासद पुत्र फैसल आदि ने पहुँचकर अपने-अपने वार्ड की आँगनवाड़ी कार्यकत्रियों पर राशन वितरण न करने और पूरा राशन न देने के आरोप लगाए हैं। सभासदों व लाभार्थियों का आरोप है कि राशन वितरण की सूची तक उनको नहीं दिखाई जाती है। जिसको लेकर कुछ लाभार्थियों ने आँगनवाड़ी द्वारा राशन वितरण करने वालों पर आरोप लगाए हैं की उनके बच्चों का रजिस्ट्रेशन तो कर लिया गया और प्रारंभ में दो-तीन बार राशन देने के बाद अब उनके मासूम बच्चो को राशन नहीं दिया जा रहा है। पूरा राशन आँगनवाड़ी कर्मचारी खुद ही डकार रहे हैं। सरकार द्वारा चलायी गयी योजना का लाभ छोटे मासूम पात्र गरीब बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। जिससे नगर वासियों में काफी आक्रोश भी देखा जा गया है। इसी समस्या को लेकर लाभार्थी और नगर के अनेक सभासद गंगोह में बाल विकास कार्यालय पहुँचकर बाल-विकास अधिकारी से मिले और पूरे मामले से अवगत कराते हुए जाँच कर उचित कार्यवाही की माँग की है और बच्चों को उक्त योजना से पूर्ण रूप से लाभांवित करने की माँग की है।