मुजफ्फरनगर
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अध्यात्म व साधना का केन्द्र हैं धर्मशालाएँ: स्वामी ओमानदं
गुर्जर धर्मशाला के वार्षिक अधिवेशन में सामाजिक उत्थान पर दिया बल
मोरना। तीर्थ नगरी शुकतीर्थ में स्थित गुर्जर धर्मशाला का वार्षिक अधिवेशन सोमवार को आयोजित किया गया।जिसमें मुख्य संरक्षक शुकदेव आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानन्द महाराज ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को जो दायित्व मिले चाहे वह सरकारी हो या गैर सरकारी हो। समाजसेवा के क्षेत्र मे हो या शिक्षा, चिकित्सा में हो उसे राष्ट्र धर्म मानकर अपना नैतिक दायित्व समझकर उसे पूरी निष्ठा से निवर्हन करना चाहिए। इसमे जीवन की सार्थकता है।भारत के पास धर्म ,अध्यात्म का प्रकाश पुंज है,भागवत का दिव्य ज्ञान है।मोक्ष दायिनी नदियाँ, योग विज्ञान,ऋषि व महर्षियों से प्राप्त वैदिक ज्ञान का अमूल्य भण्डार है।इसलिये भारत ही विश्व का कल्याण कर सकता है।वेद, उपनिषद,महाभारत,रामायण जैसे ग्रन्थ उच्च सँस्कार प्रदान करते हैं।
मुख्य अतिथि बिहार पटना हाईकोर्ट के सीनियर न्यायधीश सुनील कुमार पंवार ने कहा कि आज की पीढ़ी में संस्कारों की कमी आ रही है। प्रत्येक नागरिक को अपने बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहिए। समाज के प्रत्येक नागरिक को समय की कीमत को समझकर चलना चाहिए। मौन रहना ही सबसे बड़ा संयम है। हमें बहन बेटियों का सम्मान करना चाहिए। शिक्षा कभी बांटी नहीं जा सकती है। श्रम से ही व्यक्ति भाग्यवान बनता है। कठिन परिश्रम ही सबसे बड़ा भाग्य है तथा संस्कार ही विकास की ओर ले जाने का रास्ता है। बहन बेटियों को शिक्षा देकर बराबर की हिस्सेदारी देनी चाहिए। अधिवेशन को विशिष्ट अतिथि सीओ फुगाना यतेंद्र नागर, एसडीओ कृषि प्रसार कपिल कुमार मावी ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता नोएडा से आए प्रमुख उद्योगपति अशोक पंवार ने की। शुभारंभ बलिदानी हरवेन्द्र पंवार तथा सचिन कुमार के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। अधिवेशन में शिक्षाविद् डा. कलम सिंह, डा. राजेंद्र सिंह, महकार सिंह, रामपाल सिंह, सत्येन्द्र आर्य, संसार सिंह, राजीव चेयरमैन, विनोद गुर्जर चोरावाला, महाराज सिंह आदि मौजूद रहे।