हार्ट अटैक को दावत देती हैं युवाओं की ये 3 आदतें, डॉक्टर ने किया खुलासा

हार्ट अटैक अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहा है। यह युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है। दिल की बीमारियों के प्रमुख कारणों में अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी है। खराब जीवनशैली, शराब पीना आदि जैसी आदतें कार्डियो प्रॉब्लम्स का बुलावा देती हैं। वैसे तो हार्ट अटैक अब सामान्य बीमारी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में लोगों की लाइफस्टाइल में काफी बदलाव हुए हैं, जो उनकी सेहत को बिगाड़ रहा है। स्वास्थ्य के लिहाज से देखा जाए तो सही जीवनशैली आपको स्वस्थ और लंबे समय तक फिट रखने में मदद करती है। वहीं, अगर आप स्वस्थ नहीं हैं तो आप कभी भी किसी भी रोग की चपेट में आ सकते हैं। कार्डियो एक्सपर्ट डॉक्टर नरेश मल्होत्रा बताते हैं कि युवाओं की ये 3 आदतें उन्हें दिल के रोगों के करीब पहुंचा रही हैं।

ये हैं 3 खराब आदतें
1. सुबह की सिगरेट

डॉक्टर नरेश मल्होत्रा, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट और डायबिटोलॉजिस्ट बताते हैं कि युवाओं में सिगरेट पीने की आदत काफी बढ़ गई है। ये आदत पहले से ही उन्हें बीमार कर रही है और सुबह की सिगरेट तो और भी ज्यादा हानिकारक होती है। युवाओं को फ्रेश होने के लिए सुबह-सुबह खाली पेट सिगरेट चाहिए होती है। इस समय की सिगरेट कार्डियो प्रॉब्लम्स को बढ़ावा देती है।
2. खाना छोड़ना
युवाओं में इन दिनों देर से सोने और उठने की आदत है। देर से उठना और जो ब्रेकफास्ट सुबह 9 बजे किया जाना चाहिए, वह दिन के 1 बजे किया जाता है। देर से खाना खाना भी उनकी सेहत को बिगाड़ रहा है। इससे उनका मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है। साथ ही, वह बताते हैं कि युवाओं में देर से खाना खाने के अलावा प्रोसेस्ड और जंक फूड्स के कॉम्बिनेशन का इनटेक भी हाई है, जो कार्डियो प्रॉब्लम्स को बढ़ावा देती है।
3. देर से सोना
आधी रात तक जागे रहना और फिर देर सुबह तक सोना भी उनकी बॉडी के इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर रहा है। ये आदतें रोग-प्रतिरोधक क्षमताओं को कमजोर करती हैं, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ता है। लेट स्लीपिंग पैटर्न शरीर को पर्याप्त नींद नहीं लेने देता है, जो दिल की कार्यक्षमता को स्लो कर देता है। इससे हाई बीपी की प्रॉब्लम भी बढ़ जाती है।
क्या करें?
- सही लाइफस्टाइल अपनाने से गंभीर से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
- हेल्दी और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर खाना खाएं।
- पर्याप्त नींद लें, कम से कम 8 घंटे प्रति दिन।
- भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
- फिजिकल एक्टिविटी करते रहें।
- एक समय पर सोने और जागने की आदत अपनाएं।
- शराब और सिगरेट का सेवन सीमित करें।
- मानसिक तनाव कम करें।