स्वाभिमान एक प्रयास कुसुम लता मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट संस्था के पदाधिकारीओ द्वारा किया गया वृक्षारोपण
संस्था से जानकारी देते हुए कहा कि पौधों की हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्णता है क्योंकि पौधे ऑक्सीजन का स्रोत है, इनके बिना जीवन संभव नहीं है।
मथुरा(रजत शर्मा)। स्वाभिमान एक प्रयास संस्था के पदाधिकारी के द्वारा एक वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संस्था के सभी पदाधिकारी द्वारा 50 पौधे लगाए गए। संस्था से जानकारी देते हुए कहा कि पौधों की हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्णता है क्योंकि पौधे ऑक्सीजन का स्रोत है, इनके बिना जीवन संभव नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज शर्मा जी ने बताया कि भले ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने प्रकृति के अनुकूलन की मौलिक शर्तों को बदल दिया हो, लेकिन हमें अभी भी पर्यावरण को धारण करने की जरुरत है। मानव समाज पर्यावरण में निहित है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सबसे पहले मनुष्य को पर्यावरण में, जिस पर कि वो पारस्परिक निर्भरता के साथ रह रहे हैं पशुओं अन्य जानवरों की प्रजातियों के साथ रहने की जगह को साझा करना चाहिये। अपने पर्यावरण और पृथ्वी को बचाना और यहाँ स्वस्थ्य और सुखी जीवन की संभावनाओं को बनाना हमारी जिम्मेदारी है। प्रदेश अध्यक्ष अनीता हरियाणा ने जानकारी देते हुए बताया कि हमें एक स्वस्थ्य और प्राकृतिक वातावरण की जरुरत होती है। निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या जंगलों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। मनुष्य अपनी सुरक्षा के साथ रहने के लिए, घरों के निर्माण के लिए, बड़े पैमाने पर जंगलों को काट रहे हैं हालांकि, वो जंगलो की कमी के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में नहीं सोचते। श्वेता सारस्वत ने कहा कि जलवायु में परिवर्तन की क्रियाएं बहुत धीरे-धीरे हो रही हैं हालांकि, ये निरंतर चलती प्रक्रिया बहुत खतरनाक है। पर्यावरण में निरंतर परिवर्तनों के कारण मनुष्य और अन्य जीव जन्तुओं की प्रजातियों की भौतिक संरचना में पीढी दर पीढी निरंतर परिवर्तन हो रहा है। मानव जनसंख्या में वृद्धि के कारण कृषि, खेती-बाड़ी और रहने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता पड़ती है, जो उन्हें अधिक पेड़-पौधे और जंगलों को काटने के लिए मजबूर करता है इसलिए वनों का उन्मूलन भी अपने बुरे प्रभावों को रखता है। इस मौके पर संस्था से राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष अनीता हरियाणा, कामिनी ठाकुर, श्वेता सारस्वत, लक्ष्मी अग्रवाल आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।