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स्वतंत्रता, संसाधनों, अवसरों और सुरक्षा का लें आनंदः डा. प्रताप कुमार
वीवी पीजी कालेज में मिशन शक्ति अभियान को लेकर कार्यशाला
शामली। शहर के वीवी पीजी में मिशन शक्ति अभियान को लेकर चल रहे कार्यक्रम में गुरुवार को लैंगिक समानता विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को कई तरह की जानकारी दी गयी। गुरुवार को कालेज में आयोजित कार्यशाला में प्रो. डा. प्रताप कुमार ने बताया कि लैंगिक समानता का अर्थ है महिलाओं और पुरुषों, लडकियों और लडकों को समान अधिकारों और स्वतंत्रता, संसाधनों, अवसरों और सुरक्षा का आनंद लेना चाहिए, इसके लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि लडकियां और लडके या महिलाएं व पुरुष समान हो या उनके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाए यदि हम संख्या की और दृष्टिपात करें तो भारत में जन्म के समय लैंगिक भेदभाव का उच्चतम स्तर है, हमें यह सोचना चाहिए कि लड़का हो या लड़की सभी को पढ़ाई का पूर्ण अधिकार है इसलिए स्वावलंबी बनकर अपने अधिकारों को जाने और उनका उपयोग करें। मिशन शक्ति की कार्यक्रम संयोजिका डा. छवि ने बताया कि बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं और मां उन्हें कैसा भी रूप दे सकती है? ईश्वर ने नारी को शक्ति और क्षमता दोनों प्रदान की है बच्चों के पालन पोषण के लिए वह उसे एक आदर्श नागरिक बनकर समाज का उत्थान और उसे संस्कार विहीन रख समाज का पतन भी कर सकती है। लड़कियों को मौन रहना सिखाया जाता है यदि माता-पिता चाहे तो घर की लड़की को मजबूत और आत्मविश्वास से परिपूर्ण बना सकते हैं जैसा कि लड़कों को बनाते है। केवल थोड़ी सी सोच और उद्देश्य बदलने की आवश्यकता है। उदाहरण के तौर पर अनेक लड़कियां अपने परिवार का नाम रोशन कर रही है उन लड़कियों में से आपकी लड़की भी हो सकती है। डा. निर्भय सिंह ने कहा कि लड़कियों के मस्तिष्क में पितृसत्तात्मक विचारधारा को मजबूती के साथ डाला जाता है जिससे वे बाद तक भी मुक्त नहीं हो पाती। कालेज प्राचार्य डा. सुधीर कुमार ने कहा कि बहुत सी कठिनाइयों के बाद हम उस मुकाम तक पहुंचने में सक्षम है जहां लड़कियां ,स्कूल, कॉलेज और कार्यालय तक पहुंची है। इस अवसर पर महाविद्यालय की डीन डा. नीना छोकरा, डा. पूजा राय, तनुश्री, गिनिशा, रिंकी, भूमि, आयशा सलोनी, मेघा, आदित्य, रवि, आकाश, अमन, हर्ष, विकास भी मौजूद रहे।