‘विपक्ष की आवाज को नहीं दबाना चाहिए’, शशि थरूर बोले- हमारे सांसदों का निलंबन हो वापस
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम ईडी के दुरुपयोग को लेकर चिंतित हैं। सरकारी संस्थाओं का काम राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए बल्कि उनका एक विशेष काम है। हम ऐसे देश में हैं जहां लोकतंत्र का अपना महत्व है, जिसे बचाकर रखना चाहिए। विपक्षी नेताओं की आवाजों को दबानी नहीं चाहिए।
नयी दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को शिवसेना सांसद संजय राउत की गिरफ्तारी के खिलाफ बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दुरुपयोग को लेकर चिंतित हैं। दरअसल, पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने संजय राउत को बीती रात को गिरफ्तार किया। इस मामले को लेकर संसद में जमकर हंगामा हो रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम ईडी के दुरुपयोग को लेकर चिंतित हैं। सरकारी संस्थाओं का काम राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए बल्कि उनका एक विशेष काम है। हम ऐसे देश में हैं जहां लोकतंत्र का अपना महत्व है, जिसे बचाकर रखना चाहिए। विपक्षी नेताओं की आवाजों को दबानी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लोकसभा में महंगाई पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं। हम मांग कर रहे हैं कि हमारे चार सांसदों का मानसून सत्र से निलंबन वापस लिया जाए।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये सरकार विपक्ष को दबाना चाहती है, अगर कोई प्रॉपर्टी का मामला है तो उसके लिए कानून है और उसके तहत एक्शन लीजिए न कि उसके घर जाकर 6 घंटे पूछताछ करना ये सब उत्पीड़न है और विपक्ष को खत्म करनी की बातें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि वो संसद को विपक्ष मुक्त चाहते हैं इसलिए वो ऐसा कर रहे हैं लेकिन संजय राउत कानूनी तौर पर लड़ेंगे और उन्हें जो कुछ कहना है वो कहेंगे।
इसी बीच शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा कि देश की जनता देख रही है कि किस तरह सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।
संजय राउत की गिरफ्तारी के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हो रहा है। राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही को एक बार के स्थगन के बाद फिर से स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में ओम बिरला ने जब प्रश्नकाल आरंभ करवाया तो कुछ विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करने लगे। वे कांग्रेस के चार सदस्यों के निलंबन को वापस लेने की मांग कर रहे थे। उन्होंने निलंबन वापस लो के नारे लगाए।