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विनेश फोगाट का बड़ा ऐलान, बताया- सरकार से मिले 4 करोड़ रुपये के पुरस्कार का क्या करेंगी?

भारत की जानी-मानी पहलवान और ओलंपियन विनेश फोगाट, जो अब अपने खेल के अनुभव और सरकार से मिले पुरस्कार का उपयोग देश के युवा खिलाड़ियों के लिए एक नया मंच तैयार करने में करने जा रही हैं। विनेश फोगाट ने हाल ही में ऐलान किया कि वह हरियाणा सरकार से मिले 4 करोड़ रुपये के पुरस्कार से एक इंटरनेशनल स्पोर्ट्स एकेडमी की स्थापना करेंगी। यह इनाम उन्हें पेरिस ओलंपिक 2024 में उनके प्रदर्शन के लिए दिया गया है, जहां वह महिला कुश्ती के 50 किग्रा वर्ग में फाइनल तक पहुंचीं, लेकिन दुर्भाग्य से वज़न में मामूली अंतर के चलते प्रतियोगिता से बाहर कर दी गईं।

एकेडमी नहीं, सपनों की नींव

हरियाणा की खेल नीति देश में सबसे सशक्त मानी जाती है। इस नीति के तहत ओलंपिक में पदक विजेताओं को नकद राशि, जमीन या सरकारी नौकरी में से एक विकल्प मिलता है। विनेश ने नकद राशि को चुना और तय किया कि वह इसे अपने वर्षों पुराने सपने—एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल एकेडमी-में बदलेंगी। उन्होंने कहा कि ये केवल एकेडमी नहीं होगी, बल्कि हजारों युवा खिलाड़ियों के लिए अवसरों का द्वार होगी, जहां वे बेहतर प्रशिक्षण, सुविधाएं और प्रेरणा पा सकें।

 “अब मेरी जिम्मेदारी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं…”

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में विनेश ने लिखा: “एक खिलाड़ी की मेहनत को सम्मान देना ही असली जीत है। जनता ने जो प्यार और भरोसा दिया, अब वक्त है उसका कर्ज चुकाने का। अब मेरी जिम्मेदारी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि उन हजारों सपनों की भी है, जो खेल के ज़रिए भविष्य गढ़ना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह पुरस्कार उनके लिए सिर्फ एक इनाम नहीं, बल्कि उन संघर्षों की पहचान है जिन्हें उन्होंने वर्षों तक जिया है।

 100 ग्राम से टूटा सपना, लेकिन हौसला बना चट्टान

पेरिस ओलंपिक में फाइनल तक पहुंचने वाली विनेश फोगाट को अंतिम समय में वजन सीमा से महज़ 100 ग्राम अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। यह उनके करियर का सबसे बड़ा झटका था, जिसके बाद उन्होंने रिटायरमेंट की घोषणा की। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अब खेल से अलग रास्ते पर देश की सेवा में जुट गई हैं। राजनीति में कदम रखते हुए वे हरियाणा विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं और अब विधायक के रूप में कार्यरत हैं।

 भविष्य की चमक-विनेश की नई पहल

यह एकेडमी न सिर्फ भारत के लिए विश्वस्तरीय एथलीट तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम होगी, बल्कि यह भी साबित करेगी कि जब खिलाड़ी मैदान से बाहर आता है, तब भी वह देश को कुछ बड़ा दे सकता है। विनेश फोगाट की यह पहल अगली पीढ़ी को प्रेरणा, अवसर और उड़ान देगी।

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