चमोली। उप पोस्टमास्टर व डाक सहायक के पद पर नियुक्ति के दौरान 36 लाख रूपये के सरकारी धन के गबन के आरोपी को पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद बिहार से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर पुलिस की ओर से ढाई हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था।
अजय कुमार निरीक्षक डाकघर उपमंडल गोपेश्वर जनपद चमोली ने कोतवाली जोशीमठ में बाद विभागीय जॉच लिखित तहरीर दी कि रविरंजन पुत्र रणजीत प्रसाद निवासी सोहसराय जिला नालन्दा बिहार जो कि 2011 से 2020 तक चमोली मण्डल के विभिन्न डाकघरों में उपपोस्टमास्टर डाक सहायक के पद पर नियुक्त रहा व वर्ष 2020 में स्थानांतरण के पश्चात डाक मण्डल बिहार गया के लिए रिलीव हो गया। जनपद चमोली में अपनी कार्यअवधि के दौरान विभिन्न डाकघरों में नियुक्त रहते हुए आरोपी द्वारा डाकघर में जमा होने वाली पीएलआई धारकों की पीएलआई किस्तें अपने डाक विभाग के सॉफ्टवेयर मैककेमिश का दुरप्रयोग कर उक्त पीएलआई की रकम जिसमें 16 लाख रूपये डाकघर सुनील व डाकघर जोशीमठ के तथा 20 लाख रुपए डाकघर फतेहपुर जनपद गया बिहार के कुल 36 लाख रुपए लगभग डाकघर के कोष में जमा न करने एवं सरकारी धन के गबन करने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि 25 नवम्बर 2021 को फतेहपुर डाकघर से उक्त आपराधिक कृत्य के लिए आरोपी को निलंबित किया गया था, जिसके पश्चात आरोपी द्वारा विभागीय जाँच में सहयोग न करने एवं अपने पते व मोबाइल नम्बर बदलकर बिहार, पटना, गया, नालंदा एवं अन्य विभिन्न स्थानों में ठिकाने बदलकर रह रहा है।
आरोपी के लगातार पते व मोबाइल नंबर बदलने व गिरफ्तारी से बचने के कारण पुलिस अधीक्षक चमोली द्वारा गिरफ्तारी उसकी गिरफ्तारी हेतू ढाई हजार के ईनाम की भी घोषित किया गया था। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी जनपद नांलदा में छुपा हुआ है। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस ने बीती 7 नवम्बर को आरोपी को सोसराय जिला नालंदा गिरफ्तार कर लिया गया। जहाँ आरोपी संतोष कुमार पुत्र शिवप्रशाद के नाम से अपनी पहचान छुपा कर रह रहा था। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय मुख्य दण्डाधिकारी नालंदा के समक्ष प्रस्तुत कर 7 दिन की ट्रांजिट रिमांड के प्राप्त कर बीते रोज न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट गोपेश्वर के समक्ष पेश किया गया। जिसे न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार चमोली भेज दिया गया है।