नयी दिल्ली। शिक्षा एवं विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने कहा है कि स्वर्णिम भारत की संरचना का आधार आंतरिक बुराइयों की समाप्ति तथा आध्यात्मिक जागृति है और ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा दी जा रही आध्यात्मिक मूल्यनिष्ठ शिक्षा अनुकरणीय है।
श्री सिंह ने शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षकों एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ‘आध्यात्मिक शिक्षा से सच्ची स्वतंत्रता की ओर’ विषय पर यहां तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मलेन में लगभग 3000 लोगों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों का आध्यात्मिक सशक्तीकरण ही विद्यार्थियों तथा समाज में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा। मूल्यनिष्ठ शिक्षा और राजयोग से युवाओं का जीवन नशामुक्त होगा। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारियों द्वारा सामाजिक बुराइयों का अंत, श्रेष्ठ एवं सुसंस्कृत समाज का निर्माण संभव है।
ब्रह्माकुमारी संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बी के जयन्ती ने कहा कि शिक्षा जीवन की नींव है। ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने आध्यात्मिक शिक्षा एवं नारी सशक्तीकरण को आधार बनाया। लैंगिक समानता के बिना भारत को पुनः सोने की चिड़िया नहीं बनाया जा सकता। स्वयं के असली स्वरूप, दिव्य गुण एवं आंतरिक शक्तियों का अनुभव करके ही हम नकारात्मकता से मुक्त हो सकते हैं।