नीतीश बोले- बिहार में कानून का राज है, इसे बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी देश के अलग-अलग राज्यों में एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की 115 से ज्यादा सख्ंया है जिसे ध्यान में रखते हुए बिहार में भी इसे बढ़ाकर 160से 170 करने का निर्णय लिया गया है।
बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्य में कानून का राज स्थापित है, इसे बनाये रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिहार में नवनियुक्त 10,459 पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों को नियुक्तिपत्र वितरण के लिए पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में कानून का राज स्थापित है और इसे बनाये रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कानून का राज कायम रखना सरकार का दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी देश के अलग-अलग राज्यों में एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की 115 से ज्यादा सख्ंया है जिसे ध्यान में रखते हुए बिहार में भी इसे बढ़ाकर 160से 170 करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी के अनुरूप हमें तेजी से नियुक्ति करनी है। हम लोग आवश्यकता के मुताबिक़ निरंतर पुलिस की क्षमता को भी बढ़ा रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वर्ष 2010 में देश में एक लाख की आबादी पर 115 पुलिसकर्मी थे, बिहार में यह संख्या कम थी। उसके अनुसार एक लाख 52 हजार 232 और पुलिसकर्मियों की आवश्यकता थी।
हमने गृह विभाग की हर बैठक में कहा कि भर्ती के काम में तेजी लाकर पुलिसकर्मियों की नियुक्ति करें जिसके बाद बिहार में अब तक एक लाख 8 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की भर्ती हो चुकी है। एक लाख 52 हजार 232 पदों में से अभी भी 44 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती होनी है।’’ उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पुलिसकर्मियों की भर्ती में देर न करें और यथाशीघ्र उनकी भर्ती करायें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013में राज्य सरकार ने पुलिस सेवा में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया जिसका परिणाम है कि आज बिहार पुलिस में 25 प्रतिशत महिलाएं सेवारत हैं।
उन्होंने कहा कि आज नियुक्तिपत्र मिलने के बाद बिहार के पुलिस बल में महिलाओं की संख्या 27से 28 प्रतिशत हो जाएगी। कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2007में पुलिस के दायित्व को दो हिस्से में बांट दिया था। उन्होंने कहा कि इसके तहत एक हिस्से को कानून व्यवस्था का काम जबकि दूसरे हिस्से को अनुसंधान का काम सौंपा गया था ताकि अपराध पर नियंत्रण के साथ-साथ अनुसंधान के काम में भी तेजी आये। उन्होंने कहा कि अब अनुसंधान का काम भी ठीक ढंग से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि एससी/एसटीसतर्कता अनुश्रवण समिति की बैठक में सरकार नेतय कर दिया है कि मामले की जांच 90 दिनों की बजाय अब 60 दिनों के अंदर ही की जाय ताकि दोषियों को समय पर सजा मिल सके। कुमार ने कहा कि अपराध को नियंत्रित करने के लिए दोषियों पर त्वरित कार्रवाई जरूरी है और पुलिस की गश्त भी जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों ने हर थाने को दो वाहन दिया है और तीसरा वाहन भी जल्द उपलब्ध करा देंगे। इसके लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव लाइए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा नियमित गश्त एवं पुलिस बल की संख्या बढ़ने से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त रहेगी। उन्होंने कहा कि आपातकालीन सेवा के लिए डायल 112 शुरू कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस कॉल सेंटर पर अपराध, आगजनी, वाहन दुर्घटना एवं बीमार व्यक्ति से संबंधित सूचनाएं तत्काल दर्ज कराई जा सकती हैं और उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर में पुरुष एव महिलाओं की बराबर संख्या में प्रतिनियुक्ति की गयी है।
समारोह में नवनियुक्त 215 सार्जेंट, 1,998 सब इंस्पेक्टर एवं 8,246 सिपाहियों को नियुक्तिपत्र प्रदान किया गया। इन नवनियुक्त 10,459पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों में 3,852 महिलाएं शामिल हैं जो आज नवनियुक्त पुलिस बल का 36.8प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया। नियुक्तिपत्र वितरण समारोह में नवनियुक्त पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष दोनों हाथ उठाकर शराब का सेवन नहीं करने और दूसरों को भी शराब का सेवन नहीं करने देने का संकल्प लिया।
समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में भर्ती अभियान जारी रहेगा। आने वाले समय में राज्य पुलिस विभाग में और अधिक भर्तियां की जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि अब युवा रक्षा सेवाओं में संविदात्मक नियुक्तियों के लिए आवेदन करने के बजाय बिहार पुलिस में नौकरियों के लिए अधिक आवेदन कर रहे हैं। यादव ने कहा, ‘‘राज्य में पुलिसिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जो लोग जाति, पंथ और धर्म के नाम पर समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश करते हैं, उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा।’’
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज के साथ ही पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का निर्णय भाजपा के राज्य की सत्ता में रहने के दौरान लिया गया था। उन्होंने दावा किया कि इनमें से बहुतों को तो दुबारा नियुक्तिपत्र सौंपा गया है। उन्होंने दावा किया कि आज भी जिन पुलिसकर्मियों को नियुक्तिपत्र सौंपा गया है, उनमें आधे से अधिक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति महीने भर पहले ही हो गई थी और वे प्रशिक्षण भी ले रहे हैं, इसके बावजूद पानी की तरह पैसा बहा कर कार्यक्रम करना और उन्हें दुबारा नियुक्तिपत्र देना सीधे-सीधे जनता के आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है।