धन से कीमती स्वास्थ- सुरेंद्र पाल
जिसका धन चला गया समझो उसका कुछ नहीं गया। जिसका स्वास्थ्य चला गया समझो उसकी कुछ हानि हुई ,लेकिन जिसका चरित्र चला गया समझो उसका सर्वनाश हो गया।
मुजफ्फरनगर(संजय धीमान)। जिसका धन चला गया समझो उसका कुछ नहीं गया। जिसका स्वास्थ्य चला गया समझो उसकी कुछ हानि हुई ,लेकिन जिसका चरित्र चला गया समझो उसका सर्वनाश हो गया। उक्त विचार योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने ग्रीनलैंड मॉडर्न जूनियर हाई स्कूल मुजफ्फरनगर में चल रहे किशोर बालक एवं बालिका चरित्र निर्माण योग शिविर में दिए। उन्होंने बताया कि चरित्रवान व्यक्ति सभी जगह सम्मान पाता है जबकि चरित्रहीन व्यक्ति को वेद भी पवित्र नहीं कर सकते। आज समाज पतन की ओर जा रहा है हमारे बच्चे संस्कार विहीन होते जा रहे हैं । वह माता-पिता धन्यवाद के पात्र हैं जो अपने बच्चों को चरित्रवान ,बलवान और योग्य बनाने के लिए चरित्र निर्माण योग शिविर में भेज रहे हैं। प्राचीन समय में बच्चों को महान पुरुषों के जीवन परिचय से परिचित कराया जाता था। जिससे बच्चों के अंदर महान पुरुषों के अच्छे गुण आ जाते थे। हमें भगवान राम के चरित्र का अनुसरण करना चाहिए। अगर आप राम की भक्ति करना चाहते हैं तो राम के आदर्श को अपने जीवन में उतारकर एक आदर्श प्रस्तुत करें। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हुए हैं। प्रातः काल उठ रघुनाथा। मात-पिता गुरु नावही माथा। सर्वप्रथम योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह ने बच्चों को आज सूर्य नमस्कार आसन मंत्रों के साथ 12 बार करवाया। तत्पश्चात ताड़ासन ,अर्धचंद्र आसान, पश्चिमोत्तान आसन, उष्ट्रासन, भुजंग और शलभ आसान करवाएं तथा बच्चों के मानसिक विकास के लिए अनुलोम विलोम, कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम भी करवाए।