बागपत
Trending

कर्म किसी को नही छोड़ता-आचार्य विशुद्ध सागर,आचार्य श्री को मिली डी लिट की उपाधि

बागपत। आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महराज ने ऋषभ सभागार मे दिगंबर जैन समाज समिति द्वारा आयोजित धर्मसभा मे मंगल प्रवचन देते हुए कहा कि, उत्साह साहस के साथ ही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है। जिसके अंदर उमंग नहीं, वह अवसर मिलने पर भी श्रेष्ठ कार्य नहीं कर पाता। उत्साह शक्ति के अभाव में किसी भी कार्य की सिद्धि संभव नहीं है। जागरूकता बहुत आवश्यक है। जितनी जागृति आवश्यक है, उतनी ही सावधानी भी होनी चाहिए।

सोते हुए व्यक्ति को छिटे मारकर जगाया जा सकता है, परंतु जो सोने का ढोंग कर रहा है उसे जागृत नहीं किया जा सकता। स्वयं के अंदर ललक होनी चाहिए। जिसके अंदर ललक होगी, वही झलक दिखाई देगी झलक ही ललक का प्रतीक होती है।

आचार्य श्री ने कहा कि श्रेष्ठ व्यक्ति शीघ्र प्रभावित नहीं होते। वयक्ति को अपने ज्ञान ,शारीरिक बल ,मानसिक मनोबल का भान होना चाहिए ।व्यक्ति को चहुमुखी विकास करना चाहिए ।व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व के अनुसार कृतित्व भी प्रभावी बनाना चाहिए। प्रभाव से प्रभाव बढ़ता है। जो धैर्यशाली क्षमावान, ज्ञानी, विवेकी और नीतिज्ञ होगा उसका प्रभाव स्वयं ही फैलने लगेगा।

जैसा जीव कर्म करेगा, उसे वैसा ही फल प्राप्त होगा। अच्छे कार्य करोगे तो उसका फल भी सुखद ही प्राप्त होगा। जो हिंसा करता है उसे उसका फल भी कई गुना भोगना पड़ता है। कर्म किसी को नहीं छोड़ता। जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल भुगतना पड़ेगा। संभल संभल कर जीवन जियो, सबके दिन एक से नहीं होते।

जैसा भोजन करोगे वैसा ही मन होगा। जैसा पानी होगा, वैसी ही वाणी होगी। भोजन और भेष का भावो पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विष की एक कनिका भोजन को विशाख्त कर देती है। ऐसे ही कशाय की एक कनिका चित्त को दूषित कर देती है। सभा का संचालन पंडित श्रेयांस जैन ने किया।

मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया कि यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका (U.S.A.) की ‘ब्रिटिश नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन मैरी’ द्वारा,चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी मुनिराज को डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर (डी लिट्) की मानद उपाधि से विभूषित किया गया है।यह जानकारी मिलते ही समस्त समाज मे हर्ष की लहर दोड गयी।

सभा मे प्रवीण जैन, सुनील जैन, संदीप जैन, अतुल जैन,विनोद जैन, वरदान जैन, राकेश सभासद,अशोक जैन, मनोज जैन, पुनीत जैन, दिनेश जैन आदि थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
× How can I help you?