एसडीए की अवैध निर्माण पर लगातार कार्यवाही के बाद अवैध निर्माणों की बाढ़
क्या मात्र खानापूर्ति को अवैध निर्माणों पर होती है सील एवं ध्वस्तीकरण की कार्यवाही
सहारनपुर। सहारनपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सहारनपुर विकास क्षेत्र में जोन-09 के अन्तर्गत रेलवे रोड़, खालसा मार्केट के समाने, सहारनपुर में चमनलाल द्वारा लगभग 200 वर्गगज के भूखण्ड पर लगभग 15 फीट ऊँची बाउण्ड्रीवाल के कार्य को सील किया गया। सील की कार्यवाही उपाध्यक्ष एवं सचिव के निर्देशों में की गयी। उक्त कार्यवाही सुधीर कुमार (अवर अभियन्ता), विश्वास कुमार शर्मा (मेट), के सहयोग से सम्पन्न की गयी। एसडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि अवैध निर्माणों की रोकथाम हेतु प्राधिकरण की ओर से अवैध निर्माणों को चिन्हित करते हुए सील एवं ध्वस्तीकरण किये जाने की कार्यवाही अमल में लाई जा रही है एवं इसी प्रकार आगे भी अवैध निर्माणों को सील एवं ध्वस्तीकरण किये जाने की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जनसामान्य को सूचित किया है कि स्थल पर निर्माण करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें, कि काॅलोनी सहारनपुर विकास प्राधिकरण से स्वीकृत है एवं मानचित्र स्वीकृत कराकर मानचित्र के अनुरूप निर्माण कार्य प्रारम्भ करें, अन्यथा की दशा में प्राधिकरण स्तर से होने वाली कार्यवाही के लिए आप स्वयं उत्तरदायी होंगे। सहारनपुर विकास प्राधिकरण की अवैध निर्माणों पर लगातार कार्यवाही का ढिंढौरा प्राधिकरण द्वारा पीटा जाता है जबकि महानगर में एक के बाद एक संकरी गलियों में अवैध निर्माणों का बनना जारी है। जिनके विरूद्ध विकास प्राधिकरण मात्र कम्पाउन्डिंग प्रक्रिया की खानापूर्ति कर निर्माण को आश्रय दिये जाने जैसा कार्य हो रहा है। सवाल यह उठता है जिन संकरी गलियों में अग्निशमन की गाड़ी प्रवेश नहीं कर सकती आखिर ऐसी गलियों मंे व्यापारिक निर्माणों को अनुमति किस आधार पर मिलती है ? साथ ही कार्यवाहियों के बावजूद अवैध काॅलोनियों का धंधा भी चरम पर है। जबकि विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध काॅलोनियों पर लगातार बुल्डोजर की कार्यवाही की जाती रही है। लेकिन यह समझ से परे है कि इतनी सख्त कार्यवाही के बावजूद महानगर के चारों ओर अवैध काॅलोनियां काटकर भोले भाले लोगों को फंसाने का धंधा दिन दुनी रात चैगुणी आमदनी के सपने दिखाकर किया जा रहा है। जिस प्रकार अवैध निर्माणों एवं अवैध काॅलोनियांे का धंधा फलफूल रहा है उससे नहीं लगता कि विकास प्राधिकरण गम्भीरतापूर्वक कोई कार्यवाही कर रहा है। इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि विभाग कार्यवाही के नाम पर मात्र खानापूर्ति कर अवैध निर्माणकर्ताओं एवं अवैध काॅलोनाईजरों को मूकरूप से सहमति देकर अपनी जेबे गर्म कर रहा है। जिससे शहरवासियों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ आवागमन मंे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि कोई हादसा हो जाये तो ऐसे-ऐसे अवैध निर्माण हो चुके हैं जहां अग्निशमन सहित अन्य आपातकालीन सुविधाऐं पहुंचना बहुत मुश्किल है।